बिलासपुर। जिला अस्पताल की डॉक्टर पूजा चौरसिया की मौत खुदकुशी नहीं, बल्कि हत्या थी। पूजा की मां द्वारा निजी फोरेंसिक एक्सपर्ट से कराई गई जांच के बाद पुलिस को मिली एफएसएल रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। दरअसल, डॉ. पूजा की मौत 10 मार्च को हुई थी। पूजा की मां रीता चौरसिया उस समय अमेरिका में थीं। इसकी सूचना मिलने पर वह देश लौटीं। उनके आने के बाद पूजा का पोस्टमार्टम हुआ।
पूजा की मां रीता ने कहा, ‘जब मैं जिला अस्पताल पहुंची तब देखा कि पूजा के सिर में खून लगा हुआ था। उसके कान से खून बहकर सिर तक पहुंचा था। उन्होंनें पूजा की पीठ पर चोट के बड़े-बड़े निशान भी मिले। इसे देख कर हत्या का शक हुआ। दामाद अनिकेत पर पहले से शक था।
बेटी ने पहले भी उसकी शिकायत की थी। हत्या का शक था। ऐसे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले ही 16 और 17 मार्च को निजी फोरेंसिक एक्सपर्ट से जांच कराई। जांच में हत्या का खुलासा हुआ। एक्सपर्ट के मुताबिक जिस कमरे में मौत हुई, वहां बेड पर पुरुष स्पर्म पाए गए। बिस्तर पर संघर्ष में महिला और पुरुष के सिर के बाल भी दिखे। जिस पंखे पर फांसी लगाने की बात कही गई थी, उस पर पूजा के फिंगर प्रिंट नहीं थे। हत्या साबित हो चुकी है, तो मुझे न्याय चाहिए।’
फोरेंसिक रिपोर्ट आई, फिर जांच की मंजूरी मांगेगी पुलिस
घटना वाले दिन किराएदार ऊपर थे। नीचे मारपीट और विवाद की आवाज उन्होंने सुनी थी। वे नीचे आए, तो सूरज ऑल ओके कहते हुए भीतर चला गया। मामले में जब प्रशासन को पता चला कि परिजन ने प्राइवेट एक्सपर्ट से फोरेंसिक जांच कराई है, तब पुलिस ने भी 17 अप्रैल को फोरेंसिक जांच कराई। पुलिस जांच की रिपोर्ट भी आ गई है। बिलासपुर सिविल लाइन के सीएसपी उमेश गुप्ता के अनुसार दोनों रिपोर्ट में कुछ तथ्य आए हैं। हम कोर्ट से केस में जांच की मंजूरी मांगेंगे।
पति, जिम ट्रेनर, अस्पताल सभी शक के दायरे में
मामले में पति डॉ. अनिकेत कौशिक की भूमिका संदिग्ध है। अनिकेत और जिम ट्रेनर सूरज ही पूजा को कार से महादेव हॉस्पिटल लेकर गए थे। पास का हॉस्पिटल छोड़ डेढ़ किमी दूर पूजा को ले जाना भी सवाल खड़े करता है। डॉ. पूजा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जिम ट्रेनर सूरज गिरफ्तार है। एंटेमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि शरीर पर किसी भारी वस्तु से प्रहार किया गया था, जबकि पोस्टमॉर्टम में दम घुटने से मौत बताई गई। पीएम करने वाले डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन पर भी शक है।