रायपुर। भारत और न्यूजीलैंड के बीच 21 जनवरी को वनडे मैच खेला जाना है। मैच में करोड़ों रुपये का सट्टा लगता है। इसे देखते हुए शहर का सट्टा बाजार काफी गर्म है। सटोरियों ने लोगों को ठगने के लिए बिसात जमा ली है। वहीं पुलिस ने पुराने सटोरियों की कुंडली तैयार कर ली है। आनलाइन सट्टे पर सरकार ने नया कानून बनाया है, जिसे ध्यान में रखकर सटोरिए मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। कुछ सटोरिए तो शहर से बाहर रहेंगे। वजह उन पर पुलिस की नजर रहेगी। पुलिस ने पुराने 200 सटोरियों की लिस्ट तैयार कर ली है।
उल्लेखनीय है कि मैच में बालिंग से लेकर चौके-छक्के यहां तक कि हर एक रन पर भी दांव लगेंगे। अकेले रायपुर जिले में करोड़ों रुपये का सट्टा लगता है। सटोरियों की सक्रियता को देखते हुए पुलिस ने भी इन पर शिकंजा कसने के लिए अपने टेक्निकल सर्विलांस सिस्टम को अलर्ट कर दिया है। पिछले साल पकड़े गए खाईवालों की पड़ताल शुरू कर दी गई है। वहीं यह भी देखा जा रहा है कि वे अभी कहां रह रहे हैं, उनके बारे में अन्य जानकारी भी जुटाई जा रही है।
क्रिकेट लाइव लाइन एप से चलता है सट्टा कारोबार
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गूगल पर क्रिकेट लाइव लाइन एप बड़े बुकी की एक्सपर्ट टीम ने बनाया है। इसमें स्कोर टीवी और अन्य लाइव दिखाने वाले माध्यम से ज्यादा तेजी से बदलता है। एप में यदि चार बाल फेंका और छक्का या विकेट गिरना दिखाता है तो टीवी में उसकी तीन गेंद बाद दिखाता है यानी टीवी से तीन गेंद पहले स्कोर बताता है। इसमें सट्टा का भाव भी दिखाता है, जो मैच के उतार-चढ़ाव के अनुसार कम ज्यादा होता रहता है। खाईवाल इसमें अलग-अलग सेशन में बांटकर दांव लेते हैं। पावर प्ले के अलग सेशन चलते हैं, वहीं इसके बाद का अलग। इसके अलावा हर गेंद, हर ओवर, बल्लेबाज, गेंदबाज के ऊपर दांव लिया जाता है।
क्रिकेट के मैदान में बैठकर करते हैं अपडेट
-बुकी के एजेंट क्रिकेट मैदान में मौजूद रहते हैं। वहां रहकर वे हर गेंद का स्कोर उसी समय अपडेट करते हैं। टीवी और दूसरे लाइव प्रसारण में सेटलाइट की मदद से कवर करने और प्रसारण सेंटर मुख्यालय से प्रसारित करने में कुछ समय लगता है। इस वजह से लाइव प्रसारण में जब दो बाल दिखाई जाती है, तब तक यह एप मोबाइल की स्क्रीन पर पांच गेंद तक का स्कोर बता देता है।
रेट कैसे तय होते हैं
सूत्रों के मुताबिक भारत में क्रिकेट की जो सट्टेबाजी होती है, वह अवैध है। इसके रेट दुबई या पाकिस्तान में तय होते हैं। वहां से रेट की जानकारी भारतीय उपमहाद्वीप के सटोरियों और अन्य जगहों में धंधे से जुड़े लोगों को पहुंचाई जाती है। ये रेट सबसे पहले मुंबई पहुंचते हैं। फिर वहां से बड़े बुकीज और फिर वहां से छोटे बुकीज के पास पहुंचते हैं। अगर किसी टीम को फेवरेट मानकर उसका रेट 80-83 आता है तो इसका मतलब यह है कि फेवरेट टीम पर 80 हजार लगाने पर एक लाख रुपये मिलेंगे। दूसरी टीम पर 83 हजार लगाने पर एक लाख जीत सकते हैं, लेकिन जिस टीम पर सट्टा लगाया है, वह अगर हार गई तो लगाया गया पूरा पैसा डूब जाएगा। मैच आगे बढ़ने के साथ टीमों के रेट भी बदलते रहते हैं।
कैसे चलता है ये खेल
सट्टे पर पैसे लगाने वाले को पंटर कहते हैं। वहीं सट्टे के स्थानीय संचालक को बुकी कहा जाता है। सट्टे के खेल में कोडवर्ड का इस्तेमाल होता है। सट्टा लगाने वाले पंटर दो शब्दों खाया और लगाया का इस्तेमाल करते हैं यानी किसी टीम को फेवरेट माना जाता है तो उस पर लगे दांव को लगाया कहते हैं। ऐसे में दूसरी टीम पर दांव लगाना हो तो उसे खाना कहते हैं।
फंसे तो जेल और जुर्माना
प्रदेश में जुआ-सट्टा के अपराध से निपटने के लिए राज्य सरकार ने विधानसभा में कड़ा कानून पारित किया है। इसके अनुसार आनलाइन जुआ खेलने, खिलवाने और इसके लिए सहयोग करने वालों के लिए सात वर्ष की सजा और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान किया गया है। पहली बार आनलाइन जुआ-सट्टा में संलिप्त पाए जाने पर एक से तीन वर्ष की सजा और 50 हजार से पांच लाख रुपये तक के जुर्माने और दूसरी बार संलिप्त पाए जाने पर दो से सात वर्ष की सजा और एक से 10 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रविधान किया गया है। यह अपराध संज्ञेय व अजमानतीय होगा और इसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा ही की जा सकेगी।
दूसरे राज्य में बैठेंगे सटोरिए
-राज्य सरकार ने आनलाइन सट्टे पर कड़ा कानून लागू कर दिया है। पहले कोर्ट से आसानी से छूट जाते थे। सटोरियों ने अब दूसरे पड़ोसी राज्यों में अपना डेरा जमाने की तैयारी कर ली है। वे पुलिस की रडार में हैं। यहां उनके पंटर होंगे, जो मदद करेंगे।
रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा, भारत और न्यूजीलैंड के बीच 21 को मैच होना है। पुलिस ने सुरक्षा के अलावा सटोरियों की कुंडली बनानी शुरू कर दी है। नए नियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।