नईदिल्ली I वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी रचना को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी. रचना वाली जगह को संरक्षित रखने से जुड़ा आदेश आगे बढ़ाने की मांग पर सुनवाई होगी. इससे पहले गुरुवार को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कोर्ट को बताया कि जगह को संरक्षित रखने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की मियाद 12 नवंबर तक ही है. इस पर चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ ने आश्वासन दिया कि 11 नवंबर को 3 बजे विशेष बेंच का गठन कर सुनवाई की जाएगी.
क्या था पिछला आदेश?
17 मई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, सूर्य कांत और पी एस नरसिम्हा की बेंच ने ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग वाली जगह को सुरक्षित रखने के लिए कहा था. कोर्ट ने साफ किया था कि उस जगह पर नमाज़ी वज़ू नहीं कर सकेंगे. इसके बाद 20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने पूरा मामला वाराणसी के जिला जज के पास ट्रांसफर कर दिया था. मुस्लिम पक्ष के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने ज़िला जज से कहा था कि वह सबसे पहले हिंदू श्रद्धालुओं के मुकदमे की योग्यता पर फैसला लें, यानी यह तय करें कि मामला सुने जाने लायक है भी या नहीं. 20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि हिंदू पक्ष के मुकदमे की योग्यता पर जिला जज के फैसले के 8 हफ्ते बाद तक 17 मई वाला आदेश लागू रहेगा, यानी जगह को सुरक्षित रखा जाएगा. 12 सितंबर को जिला जज मुकदमे को सुनवाई योग्य ठहरा चुके हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवधि 12 नवंबर को पूरी हो रही है.
कल क्या हुआ?
31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह 10 नवंबर को यह मामला सुनेगा, लेकिन गुरुवार को मामला सुनवाई के लिए नहीं लगा. हिंदू श्रद्धालुओं के वकील विष्णु जैन ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामला रखा. उन्होंने बताया कि 12 नवंबर से पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई ज़रूरी है, ताकि जगह की सुरक्षा को लेकर आदेश नए सिरे से जारी किया जा सके. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि वह शुक्रवार दोपहर यानी आज 3 बजे पूर्व में इस मामले को सुन चुके जजों के साथ बैठ कर इस पर सुनवाई करेंगे.