नईदिल्ली I टीम इंडिया का टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में सफर खत्म हो गया है. गुरुवार को इंग्लैंड के हाथों मिली 10 विकेट से करारी हार भारतीय फैन्स को हमेशा याद रहेगी. टीम इंडिया ने पूरी तरह इस मैच में घुटने टेक दिए थे, फिर चाहे वो बल्लेबाजी हो या फिर गेंदबाजी. कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ जिस तरह से लगातार प्रयोग कर रहे थे और टी-20 वर्ल्ड कप के लिए रणनीति बनाने की बात कर रहे थे, वह सब फेल साबित हुआ है.
टी-20 वर्ल्ड कप 2022 से हुई इस तरह की शर्मनाक एग्जिट पर सवाल उठने लाजिमी हैं. अगर पूरे टूर्नामेंट में भारत की रणनीति में खामियों पर बात करें तो कुछ प्वाइंट ऐसे हैं, जिसके जवाब टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा को देने ही होंगे. ऐसे ही कुछ सवालों को देखते हैं…
1. केएल राहुल का साथ क्यों?
वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ही ये सवाल उठ रहा था कि टीम इंडिया को अपनी ओपनिंग जोड़ी बदलनी चाहिए. केएल राहुल धीमी स्ट्राइक रेट की वजह से निशाने पर थे, उसके बाद इस पूरे टूर्नामेंट में उनका फ्लॉप शो टीम इंडिया को ले बैठा. एक भी मैच ऐसा नहीं था जहां केएल राहुल टी-20 फॉर्मेट की तरह खेलते दिखे, लेकिन हर बार टीम इंडिया ने उनका बचाव किया.
इस वर्ल्ड कप में केएल राहुल: 4, 9, 9, 50, 51, 5
2. पंत को बाहर बैठाने की जिद
वर्ल्ड कप से पहले अपनी धमाकेदार फॉर्म से हर किसी को हैरान करने वाले दिनेश कार्तिक इस वर्ल्ड कप में भारत के प्राइम विकेटकीपर बने. 37 साल के दिनेश कार्तिक फिनिशर के तौर पर भारत के साथ जुड़े लेकिन फ्लॉप हो गए. उनकी वजह से टीम इंडिया ऋषभ पंत को भी नहीं खिला पाई, अंत में उन्हें दो मैच में मौका मिला लेकिन वहां वो चल नहीं पाए. हर एक्सपर्ट ऑस्ट्रेलिया में पंत को खिलाने की बात कर रहा था, क्योंकि वहां उनका रिकॉर्ड बेहतर था.
इस वर्ल्ड कप में दिनेश कार्तिक: 1, 6, 7
इस वर्ल्ड कप में ऋषभ पंत: 3, 6
3. चहल को एक भी मैच नहीं
अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन और लगातार मौके दिए गए, जबकि लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल सभी मुकाबलों में बेंच पर बैठे रहे. अश्विन ने 6 मैचों में 6 विकेट चटकाए और उनका इकोनॉमी रेट 8.15 का रहा. सेमीफाइनल मुकाबले में तो अश्विन की काफी धुनाई हुई और उन्होंने दो ओवर में 27 रन दे दिए. अक्षर पटेल का भी हाल तो अश्विन से भी खराब था और वह चार मैचों में महज तीन विकेट चटका सके.
4. शमी की स्क्वॉड में अचानक एंट्री
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी चंद महीने पहले तक भारतीय टीम के टी20 सेटअप में शामिल नहीं थे. पिछले साल के टी20 वर्ल्ड कप के बाद से तो उन्होंने भारत के लिए एक टी20 मैच नहीं खेला था. लेकिन उनकी अचानक से टी20 टीम में एंट्री होती है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब शमी को आप टी20 सेटअप से बाहर कर चुके थे तो उनकी जरूरत फिर क्यों पड़ी. भारत के पास शार्दुल ठाकुर, उमरान मलिक, कुलदीप सेन जैसे तेज गेंदबाज थे जिन्हें टीम में चुना जा सकता था.
5.सिर्फ तीन-चार प्लेयर्स पर निर्भरता
टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के परफॉर्मेंस को देखकर लगा कि सिर्फ विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, अर्शदीप सिंह और हार्दिक पर ही टीम को जीत दिलाने का जिम्मा हो, जबकि सबको मालूम है क्रिकेट को टीमगेम माना जाता है. आप 3-4 खिलाड़ियों के भरोस भले ही कुछ मैच जीत जाएं लेकिन सभी मुकाबलों में यही सिलसिला नहीं चलता. पूरी टीम के एकजुट होकर प्रदर्शन करने पर ही बड़े मुकाबले में जीत हासिल होती है. सेमीफाइनल में आज यही देखने को मिला जहां कोहली-हार्दिक के अलावा बाकी प्लेयर्स फ्लॉप रहे.