नईदिल्ली I फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने 11000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल बाहर कर दिया. इसके बाद कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि कंपनी में बड़े पैमाने पर इस छंटनी के लिए वो जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी की तरफ से जो भी फैसला लिया गया, उसकी पूरी जिम्मेदारी उनकी है. दरअसल, जुकरबर्ग के वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर लीक हो गई है.
इस वीडियो में जुकरबर्ग काफी निराश दिख रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘आप सबकी जिम्मेदारी मेरी है. जो भी फैसला लिया गया, उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं. कंपनी के ग्रोथ के लिए कई बार इस तरह के फैसले लेने पड़ते हैं. कंपनी के फाउंडर और सीईओ होने के नाते मुझे पता है कि मैं इस निर्णय तक कैसे पहुंचा. अंतत: यह मेरा ही फैसला था.
उन्होंने कहा कि यह 18 सालों में सबसे कठिन फैसलों में से एक था. कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने पर जुकरबर्ग ने कहा कि हम उन लोगों को खो रहे हैं, जिन्होंने कंपनी में जी जान लगा दी. उन्होंने कहा, ‘आप सबने कंपनी को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है.’
मेटा ने करीब 13 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की है. जुकरबर्ग ने बुधवार को कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि कमाई में गिरावट और प्रौद्योगिकी उद्योग में जारी संकट के चलते यह फैसला करना पड़ा. उन्होंने कहा आर्थिक मंदी, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और विज्ञापन घटने के संकेत के चलते उनकी आय अपेक्षा से बहुत घट गई है.
18 साल में पहली बार बड़े पैमाने पर छटंनी
साल 2004 में फेसबुक की स्थापना हुई थी. बाद में इसका नाम बदलकर मेटा किया गया. 18 साल में शायद पहली बार है कि कंपनी ने इतने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. जुकरबर्ग के मुताबिक, कंपनी में ऑनलाइन विज्ञापन में कमी और आर्थिक मंदी के चलते संकट बढ़ गया, जिस कारण उन्हें यह फैसला लेना पड़ा.
इस गर्मी में मेटा ने अपने इतिहास में पहली बार किसी तिमाही के दौरान आय में गिरावट का सामना किया. इससे पहले अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद वहां बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था. पिछले सप्ताह ट्विटर ने अपने 7,500 कर्मचारियों में से लगभग 50 प्रतिशत को बाहर कर दिया था.