फेस्टिव सीजन में यात्रियों को कंफर्म सीट देने के नाम पर रेलवे वसूल रहा अधिक किराया 

रायपुर। दीपावली और छठ पूजा पर गंतव्य तक जाने के लिए ट्रेन में आरक्षित टिकट पाने को लेकर खासे परेशान हैं, क्योंकि लंबी दूरी की ट्रेनों में वेटिंग बढ़ती जा रही है। यात्रियों की समस्या का समाधान करते हुए पहले से चल रही ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने के साथ स्पेशल ट्रेनें रेलवे चला रही हैं। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक जिन एक्सप्रेस ट्रेनों में ज्यादा भीड़ हैं, वहां अतिरिक्त बर्थ लगाया जाएगा।

इन स्पेशल ट्रेनों के जरिए रेलवे ना सिर्फ यात्रियों को आरक्षित सीट दे रहा है, बल्कि इसके बदले उनसे 15 से 30 प्रतिशत ज्यादा किराया भी वसूला जा रहा है। यही वजह है कि अधिकांश यात्री इन ट्रेनों की बजाय साधारण ट्रेनों में वेटिंग टिकट लेकर कंफर्म होने का इंतजार कर रहे हैं।

छठ महापर्व देश के प्रमुख राज्यों के साथ ही उत्तरप्रदेश,झारखंड औऱ बिहार में काफी उत्साह से मनाया जाता है, जिस वजह से रायपुर,दुर्ग,भिलाई समेत प्रदेश के अन्य शहरों में काम करने वाले लोग अपने घरों की ओर जाने के लिए रेलवे के आरक्षण केंद्र पर टिकट लेने पहुंचने लगे हैं। इस समय रायपुर जंक्शन से होकर लोकल और एक्सप्रेस,मेल सहित 120 ट्रेनें चल रही है। आवाजाही अधिक होने के कारण ट्रेनें पूरी तरह से भरी हुई हैं।हालत यह है कि लंबी दूरी की ऐसी कोई ट्रेन नहीं,जिसमें वेटिंग न हो।

रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि उत्तरप्रदेश,बिहार,झारखंड,महाराष्ट्र,मप्र आदि राज्यों में जाने के लिए यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।यात्रियों की भीड़ बढ़ने को ध्यान में रखकर रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त कोच लगाने का फैसला लिया है।

इन एक्सप्रेस ट्रेनों में वेटिंग

दिल्ली जाने के लिए केवल राजधानी एक्सप्रेस और बेतवा एक्सप्रेस में स्लीपर से लेकर सभी श्रेणियों में बर्थ खाली है।बाकी ट्रेनों गोंडवाना,हमसफर,छत्तीसगढ़.,संपर्क क्रांति,समता एक्सप्रेस,सारनाथ,छत्तीसगढ़, साउथ बिहार एक्सप्रेस,गरीब रथ,बेतवा एक्सप्रेस,अमरकटंक आदि में अभी से दिवाली के बाद तक वेटिंग है।आने वाले दिनों में वेटिंग और बढ़ने की पूरी संभावना है।

मजबूरी में ले रहे स्पेशल ट्रेनों की टिकट

रेलवे ने इस बार पहले से चल रही ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने पर ज्यादा जोर नहीं दिया।ऐसा करके रेलवे साधारण किराया ही ले सकता है।हालांकि रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों को चलाने पर ज्यादा जोर दिया, ताकि त्योहारी सीजन में यात्रियों की परेशानी का समाधान कर रेलवे अपनी आय में भी इजाफा कर सके।

कोरोना काल में वसूला था स्पेशल किराया

ट्रेनों से मिलने वाले किराए से रेलवे की आय का ग्राफ फिर बढ़ने लगा है। कोरोना काल के दौरान लगे लाकडाउन में ट्रेनों का संचालन बंद था। इसके बाद धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ। रेलवे ने इस दौरान सभी ट्रेनों को स्पेशल बनाकर चलाया और अधिकांश ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों से साधारण ट्रेन की बजाय स्पेशल ट्रेन का किराया वसूल किया। इस बार भी रेलवे ने स्पेशल ट्रेन की राहत देते हुए अपनी आय बढ़ाने पर जोर दिया है। यही वजह है कि यात्री स्पेशल ट्रेन में सफर करने की बजाय साधारण ट्रेन में वेटिंग टिकट लेकर सफर कर रहे हैं।

इन ट्रेनों में अतिरिक्त कोच

यात्रियों को कंफ़र्म बर्थ उपलब्ध कराने कोरबा-कोच्चुवेली-कोरबा एक्सप्रेस, दुर्ग-निजामुद्दीन, दुर्ग-नौतनवा एक्सप्रेस, दुर्ग-कानपुर एक्सप्रेस,दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस, दुर्ग-उधमपुर एक्सप्रेस,दुर्ग-भोपाल अमरकंटक एक्सप्रेस, दुर्ग-अम्बिकापुर एक्सप्रेस, कोरबा-अमृतसर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, भगत की कोठी,बिलासपुर-भोपाल, कोरबा-इतवारी एक्सप्रेस,बिलासपुर-रीवा एक्सप्रेस आदि में अतिरिक्त कोच लगाया गया है।