शिमला: मस्जिद के अवैध निर्माण पर उग्र प्रदर्शन, प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, कई घायल 

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण के विरोध में बुधवार को हिंदूवादी संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी उग्र प्रदर्शन करते हुए संजौली बाजार पहुंचे और बैरिकेड्स तोड़ दिए। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें एक पुलिस कर्मी के साथ कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए हैं। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

इससे पहले शिमला पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को संजौली पहुंचने से रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेड लगाए थे। प्रदर्शनकारी ढली टनल में लगे बैरिकेड तोड़कर आगे संजौली की ओर बढ़े। संजौली में प्रदर्शनकारियों को एसबीआई के बाहर बैरिकेड लगाकर फिर रोका गया। इस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया, जिससे एक सिपाही और एक प्रदर्शनकारी घायल हो गया। यहां पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो हुई। गुस्साई भीड़ संजौली में बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज करके प्रदर्शनकारियों को ढली की ओर खदेड़ दिया। प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन भी चलाया गया।

मस्जिद से 100 मीटर की दूरी पर नारेबाजी, माहौल तनावपूर्ण

यहां से विवादित मस्जिद करीब 100 मीटर दूर है। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर ही हनुमान चालीसा का पाठ किया। जिसके चलते संजौली-ढली सड़क पर यातायात ठप हो गया था। मौके पर तैनात पुलिस बल की ओर से पानी की बौछारें छोड़कर प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। 

शिमला में धारा 163, पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला

DC अनुपम कश्यप ने संजौली में धारा 163 लागू की है। इसके तहत सुबह 7 बजे से रात 11:59 बजे तक 5 या इससे ज्यादा लोगों को इकट्ठे होने या हथियार लेकर चलने की इजाजत नहीं होगी। पुलिस ने मंगलवार रात को संजौली में शांति बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च भी निकाला था। सरकारी और प्राइवेट ऑफिस, स्कूल, बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे। किसी भी व्यक्ति को धरना-प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है। लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

क्या है पूरा मामला

कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि शिमला के संजौली में मस्जिद के पास 31 अगस्त की शाम को समुदाय विशेष के लोगों ने एक स्थानीय व्यक्ति के साथ मारपीट की थी। शिकायत के बाद पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मारपीट के बाद यह मामला तूल पकड़ने लगा। अब हिंदू संगठन और कई स्थानीय लोग इस मस्जिद को गिराने की मांग पर अड़ गए हैं।

24 साल पहले शुरू हुआ विवाद

शिमला के संजौली में मस्जिद का निर्माण 1947 से पहले हुआ था। तब मस्जिद की बिल्डिंग कच्ची थी। करीब 24 साल पहले साल 2010 में पक्की बिल्डिंग बनाने का काम शुरू हुआ। 2010 में नगर निगम के पास अवैध निर्माण की शिकायत पहुंची। इसे लेकर 2010 से कमिश्नर कोर्ट में केस चल रहा है। इसके बाद 2024 तक यहां 5 मंजिल का निर्माण हो गया। नगर निगम अब तक 35 बार अवैध निर्माण रोकने के आदेश जारी कर चुका है। 2023 में निगम ने मस्जिद के शौचालय तुड़वा दिए थे।