नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट आने के बाद राजनीतिक दलों की तरफ से बयान आने शुरू हो गए हैं। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेरने में लगा है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश के लोगों के हजारों करोड़ रुपये डूब गए। फर्जी कंपनी से हजारों करोड़ निकाले गए। अदाणी कंपनी का शेयर बढाया गया। नई रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले।
उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट में बताया गया था कि गौतम अदाणी ने मनी लॉन्ड्रिंग करके हजारों करोड़ रुपए मॉरीशस में फर्जी कंपनियां बनाकर लगाए। इन्हीं फर्जी कंपनियों के जरिए अदाणी कंपनी का शेयर बढाया गया। वहीं जब इसकी पोल खुली तो देश के करोड़ों आम आदमी का आठ लाख 50 हजार करोड़ डूब गया। यह पैसा अदाणी का नहीं बल्कि देश के आम लोगों का था। जब मैंने सदन में इसके खिलाफ आवाज उठाई और घोटाले का खुलासा किया तो मोदी सरकार ने मुझे जेल भेज दिया।
आप सांसद ने कहा कि हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में अदाणी और सेबी के सांठगांठ की पोल खुल गई है। हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को इस मामले की जांच का आदेश दिया। सेबी ने मई 2023 में कोर्ट को बताया, यह एक दिशाहीन जांच है। हुजूर गड़बड़ी तो हुई है लेकिन यह नहीं बता सकते कि यह गड़बड़ी किसने की है। सेबी और उसके अध्यक्ष ने कोर्ट में यह क्यों बोला, इसका खुलासा हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में हुआ है। हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सेबी की प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच ने 10 मिलियन डॉलर अदाणी की उन्हीं कंपनियों में लगाए हैं, जिसकी सेबी को जांच करनी थी।
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। रिपोर्ट में भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी की प्रमुख और उनके पति पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ताजा रिपोर्ट सामने आने के बाद भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच के नाम कथित अदाणी घोटाले से जुड़ रहा है। शनिवार देर रात आई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कथित अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में दंपती की हिस्सेदारी थी।
हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक ऑपर्चुनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि इसी कंपनी में गौतम अदाणी के भाई विनोद अदाणी ने अरबों डॉलर का निवेश किया है। आरोप है कि इस पैसे का इस्तेमाल ही शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया। फिलहाल इन आरोपों पर सेबी की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हिंडनबर्ग का आरोप है कि अदाणी मामले की जांच का जिम्मा सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर ही था, जबकि उन्हीं की कंपनी में विनोद अदाणी ने भारी-भरकम निवेश किया था।