नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों को एक एडवाइजरी जारी की। जिसमें उनसे चुनाव प्रचार के दौरान शिष्टाचार और संयम बनाने रखने व मुद्दों पर आधारित बहस की जरूरत पर जोर दिया गया। आयोग ने यह भी कहा कि जिन स्टार प्रचारकों या उम्मीदवारों को पहले भी नोटिस जारी किए गए, उन्हें आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन के लिए सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
एडवाइजरी में कहा, सोशल मीडिया पर प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम या अपमानित करने वाले या दूसरों की गरिमा को गिराने वाले पोस्ट साझा नहीं किए जाने चाहिए। आयोग ने राजनीतिक दलों को विभाजनकारी बयानबाजी से दूरे रहने के लिए भी कहा। एडवाइजरी में स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों पर विशेष जोर देते हुए उन्हें आदर्श आचार संहिता के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों उल्लंघनों के प्रति आगाह किया गया है। एडवाइजरी में कहा गया, चुनाव आयोग आगामी चुनाव में समय और सामग्री के संबंध में दिए जाने वाले नोटिस पर पुनर्विचार के लिए आचार संहिता के उल्लंघन का आकलन करेगा।
आयोग ने एडवाइजरी में चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं, जैसे-
- जाति या सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर अपील न करने के लिए कहा गया है।
- ऐसी गतिविधियों में शामिल न होने के लिए कहा गया है, जो मतभेदों को बढ़ाती हैं या विभिन्न समूहों को आपस में दुश्मनी के लिए उकसाती हैं।
- मतदाताओं को गुमराह करने के मकसद से झूठे बयानों या निराधार आरोपों का प्रचार नहीं करना है।
- व्यक्तिगत हमलों से बचना है और राजनीतिक भाषण में मर्यादा बनाए रखना है।
- चुनाव प्रचार के लिए किसी मंदिर/मस्जिद/चर्च/गुरुद्वारा या किसी अन्य पूजा स्थल का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
- राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को ऐसे किसी भी कामों या बयानों से बचने के लिए कहा गया है, जिन्हें महिलाओं के सम्मान और गरिमा में खिलाफ माना जाता है।
- मीडिया को असत्यापित और भ्रामक विज्ञापन नहीं दिए जाने चाहिए।
- सोशल मीडिया पर संयम बरतना है। प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने वाले पोस्ट करने से बचना है।
आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, उनके नेताओं और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को आदर्श आचार संहिता और कानूनी ढांचे के दायरे में रहने का आग्रह किया है।