किसान आंदोलन: हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी- आप सरकार हैं आतंकवादी नहीं, जो किसानों पर गोलियां चलाई जा रही हैं

Punjab and Haryana High Court reprimands Haryana govt in the case of firing on farmers

चंडीगढ़। किसान आंदोलन में शुभकरण की मौत के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि आप सरकार हैं आतंकवादी नहीं जो इस प्रकार किसानों पर गोलियां चलाई जा रही हैं। मौत की न्यायिक जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।

किसान आंदोलन से जुड़ी विभिन्न याचिकाएं सुनवाई के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया व जस्टिस लपिता बनर्जी की खंडपीठ के समक्ष पहुंची थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शुभकरण की मौत के बाद एफआईआर दर्ज करने में हुई एक सप्ताह की देरी के लिए हरियाणा व पंजाब दोनों राज्यों को जमकर फटकार लगाई।

हाईकोर्ट ने कहा कि एक सप्ताह तक शव को रखा गया और जांच आरंभ नहीं की गई। मौत प्राकृतिक नहीं थी तो ऐसे में क्यों पोस्टमार्टम व एफआईआर दर्ज करने में इतनी देरी हुई। इस पर पंजाब सरकार ने बताया कि गत दिवस एफआईआर दर्ज कर पोस्टमार्टम किया जा चुका है। इस मामले में हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है। 

हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ जाए फिर हम इस मामले में आवश्यक आदेश जारी करेंगे। इस मामले में हाईकोर्ट के रिटायर जज से जांच करवाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हरियाणा, पंजाब व केंद्र को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

सुनवाई के दौरान दोनों राज्यों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने पर हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। याची पक्ष की ओर से विभिन्न जजमेंट पेश की गई थी जिसके अनुसार इंटरनेट लोगों का अधिकार है और इसे छीना नहीं जा सकता। इन जजमेंट पर हाईकोर्ट ने सरकार को पक्ष रखने का आदेश दिया है।

सुनवाई के दौरान ही हाईकोर्ट ने किसानों को भी खरी-खरी सुनाई और कहा कि आप हाइवे पर मांगों को लेकर बैठे हो जब हम सुनवाई कर रहे हैं तो किसान अदालत में आकर क्यों नहीं अपना पक्ष रखते। यूं जेसीबी और मोडिफाई ट्रैक्टरों के साथ आंदोलन को कैसे जायजा माना जा सकता है।

इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि किसानों के कल्याण के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं चलाई हैं और सरकार के स्तर पर इस विवाद को निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। हाईकोर्ट से केंद्र सरकार ने अपील की है कि देशहित में आदेश जारी किया जाए।