रायपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा चलाई जा रही बेरोजगारी भत्ता योजना के बंद होने की आशंका बनी हुई है। प्रदेश में आखिरी बार नवंबर-2023 में बेरोजगारी भत्ता की किस्त जारी की गई थी। प्रति महीने 2,500 रुपये प्रदान किए जाने वाले बेरोजगारी भत्ते को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि बेरोजगारी भत्ते को लेकर अभी तक आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है।
रोजगार विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शासन से किसी प्रकार का दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है। प्रदेश में 16 लाख 62 हजार पंजीकृत बेरोजगार हैं, जिनमें से 1.29 लाख लोगों ने बेरोजगारी भत्ता योजना में पंजीयन कराया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतिम बार अगस्त-2023 में योजना की किस्त जारी की थी।
इसके बाद आचार संहिता की अवधि में भी योजना का लाभ बेरोजगारों को नवंबर महीने तक मिलता रहा। प्रदेश में बेरोजगारों को आठ महीने में 146 करोड़ रुपये का वितरण किया। प्रदेश में एक अप्रैल 2023 को पूर्ववर्ती सरकार ने बेरोजगारी भत्ता योजना की शुरुआत की थी।
बारहवीं पास बेरोजगारों को इस योजना के तहत उनके खातों में सीधे 2,500 रुपये की राशि प्रदान की जाती थी। बेरोजगारों को आर्थिक मदद के साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण का प्रावधान रखा गया था। योजना के लिए आवेदकों की आयु न्यूनतम 18 वर्ष से 35 वर्ष रखी गई थी।
अभी दिशा-निर्देश नहीं
रोजगार विभाग के उप संचालक एओ लारी ने बताया कि बेरोजगारी भत्ते को लेकर शासन से मिले दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। योजना को बंद करना या जारी रखने का निर्णय शासन स्तर पर लिया जाना है। आखिरी किस्त नवंबर महीने में जारी की गई थी। रोजगार विभाग के अन्य कार्य जारी है। प्लेसमेंट के माध्यम से भर्तियां की जा रही हैं।