रायपुर।बस्तर के बड़े आदिवासी चेहरों में से एक सांसद दीपक बैज को इस वक्त दिल्ली बुलाया गया है। दीपक बैज छत्तीसगढ़ के सबसे युवा विधायक रह चुके हैं। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के दौरान जब कांग्रेस को 11 में से केवल दो सीटें ही मिली तब बस्तर की लोकसभा सीट से जीतकर दीपक बैज ने अपने कुशल प्रतिनिधित्व का लोहा मनवाया था।
चुनाव से पहले बस्तर का प्रतिनिधित्व बरकरार रखने के लिए दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। बस्तर में विधानसभा की 12 सीटें हैं और सभी 12 सीटों में कांग्रेस के ही विधायक काबिज हैं। अगर पार्टी मोहन मरकाम को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाती है तब बस्तर का प्रतिनिधित्व छिन जाने का नुकसान पार्टी को हो सकता है और इस सियासी नफा-नुकसान के गणित में दीपक बैज बिल्कुल फिट बैठते हैं। बैज भी आदिवासी चेहरा हैं,चित्रकोट से विधायक रह चुके हैं और अभी बस्तर से सांसद हैं।सबसे बड़ी बात ये की साफ-सुथरी छवि वाले दीपक बैज से कोई विवाद भी जुड़ा नहीं है और सांसद को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिये जाने से किसी तरह के विरोध का सामना भी पार्टी को नहीं करना होगा और बस्तर का सियासी समीकरण भी सध जाएगा।