नई दिल्ली। जापानी ऑटो दिग्गज Nissan (निसान) ने रूसी बाजार छोड़ने का फैसला किया है। इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि वाहन निर्माता ने रूस में अपना कारोबार सरकार के स्वामित्व वाली एक यूनिट NAMI को सिर्फ एक यूरो में सौंपने का फैसला किया है। कार ब्रांड ने मंगलवार को यह दावा किया। इसका मतलब है कि जापानी वाहन निर्माता को 687 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
कंपनी को देश में उत्पादन रोकने के लिए मजबूर किए जाने के महीनों बाद यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा, इसका मतलब है कि रूस के इस साल फरवरी में यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद, निसान रूस से बाहर निकलने वाली लेटेस्ट प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी बन गई है। निक्केई एशिया का दावा है कि रेनो-निसान-मित्सुबिशी गठबंधन की छत्रछाया में एक अन्य प्रमुख जापानी कार ब्रांड मित्सुबिशी भी रूसी बाजार से बाहर निकलने पर विचार कर रहा है।
निसान रूस में अपने संचालन को राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी को सौंप देगा, जिसमें सेंट पीटर्सबर्ग में उसका मैन्युफेक्चरिंग प्लांट भी शामिल है। निसान का यह कदम उसके गठबंधन सहयोगी रेनो के फैसले को दर्शाता है। फ्रांसीसी ऑटोमेकर ने इस साल मई में रूसी कार निर्माता Avtovaz (एव्टोवाज) में अपनी बहुमत हिस्सेदारी एक रूसी निवेशक को बेच दी थी। जिसे रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव के रूप में भी बताया गया था।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बड़े पैमाने पर सप्लाई चेन में व्यवधान के कारण निसान ने इस साल मार्च में अपने सेंट पीटर्सबर्ग प्लांट में उत्पादन गतिविधि को रोक दिया था। इसने कहा कि तब से वह स्थिति की निगरानी कर रहा था। लेकिन बाहरी वातावरण में बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही। जिसने निसान को रूसी बाजार से बाहर निकलने का फैसला करने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, एक प्रमुख बाजार छोड़ने और इस प्रक्रिया में इतनी मोटी रकम खोने के बावजूद, निसान मार्च 2023 में खत्म होने वाले चालू वित्तीय वर्ष के लिए अपनी कमाई का पूर्वानुमान बनाए हुए है।
इस बीच, रेनो और निसान अपने मौजूदा गठबंधन के भविष्य के बारे में बातचीत कर रहे हैं। जिसमें निसान फ्रांसीसी ऑटो दिग्गज द्वारा एक नए इलेक्ट्रिक व्हीकल वेंचर में निवेश करने पर विचार कर रहा है।