नई दिल्ली। बिहार में नीतीश कुमार ने नया राजनीतिक दांव चलकर विपक्ष को एक नया मुद्दा दे दिया है। कहा जाने लगा है कि नीतीश एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने लगे हैं। जब उन्होंने विपक्ष को एकजुट करने की बात कही तो लोगों का ये कयास और भी मजबूत हो गया।
ऐसा नहीं है कि विपक्ष में नीतीश कुमार इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष के चेहरे की रेस में बताया जा रहा है। मौजूदा समय विपक्ष में ऐसे कम से कम छह नेता हैं, जो खुद को प्रधानमंत्री पद का सबसे मजबूत दावेदार मान रहे हैं या बताए जा रहे हैं। हालांकि, इनमें से कोई भी खुलकर ये नहीं कहता है, लेकिन सब राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास इसी के लिए कर रहे हैं।
आज हम आपको इन सभी के बारे में बताएंगे। साथ ही ये बताएंगे कि किसकी दावेदारी सबसे मजबूत है? आइए जानते हैं…
1. राहुल गांधी: विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार कांग्रेस नेता राहुल गांधी खुद हैं। राहुल 2014 से ही इस प्रयास में लगे हैं। हालांकि, अब तक उनका सपना पूरा नहीं हो पाया है। भाजपा के सत्ता में आने और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से कांग्रेस की स्थिति पूरे देश में काफी खराब हुई है। यही कारण है कि अब राहुल गांधी से इतर क्षेत्रीय दलों के नेता भी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पेश कर रहे हैं। कई तो इसके लिए लगातार कोशिश भी कर रहे हैं।
2. नीतीश कुमार: बिहार के मुख्यमंत्री के पाला बदलने के बाद उनके विपक्ष का चेहरा बनने को लेकर लगातार बात हो रही है। हालांकि, ये पहली बार नहीं है। नीतीश कुमार का नाम 2014 से ही उछल रहा है। जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नाम का एलान नहीं किया था, तब भी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जाता था। हालांकि, नरेंद्र मोदी के आने के बाद से इस पर विराम लग गया।
बीच-बीच में नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ जाकर फिर से माहौल बनाने की कोशिश भी की, लेकिन सफल नहीं हो पाए। इस बार फिर से नीतीश कुमार ने विपक्ष को एकजुट करने की बात की है। हालांकि, पीएम पद के सवाल पर नीतीश ने हाथ जोड़ लिए। कहा- देखिए भाई, एक बात हम हाथ जोड़कर के कह देते हैं। ये सब मेरे मन में कोई बात नहीं है। जो कहता रहे, हमारे नजदीक भी कह देता है, हम प्रणाम कर लेते हैं छोड़ो ना भाई… हमारा काम है सबका काम करेंगे…मेरी कोशिश होगी कि सभी विपक्षी दल मिलकर काम करें।
3. ममता बनर्जी: टीएमसी की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सबसे मजबूत उम्मीदवारों में से एक हैं। ममता खुलकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ाई लड़ती हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ममता के तेवर और गर्म हो गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर वह पार्टी का विस्तार कर रहीं हैं।
नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में ममता ने कांग्रेस विधायकों और सांसदों को तोड़ लिया है। इसके अलावा हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के नेताओं को वह पार्टी से जोड़ने में जुटी हैं।
4. के. चंद्रशेखर राव : टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव भी दावेदारों में शामिल हैं। केसीआर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में जुटे हैं। राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने खुलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया था। वह अब तेलंगाना से इतर जहां भी जाते हैं हिंदी में ही भाषण देते हैं। उनकी आक्रमक भाषण शैली लोगों को पसंद आती है। राव ने तेलंगाना के विकास कार्यों का प्रचार-प्रसार भी राष्ट्रीय स्तर पर शुरू कर दिया है।
5. अरविंद केजरीवाल : आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी दावेदारों की सूची में हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत के बाद केजरीवाल का दावा और मजबूत हुआ है। केजरीवाल फिलहाल अन्य राज्यों को जीतने की कोशिश में जुटे हैं। उनका पूरा फोकस गुजरात, हिमाचल प्रदेश में है। अगर उनकी पार्टी इन राज्यों में कुछ भी अच्छा कर ले जाती है तो वह विपक्ष की तरफ से खुद की उम्मीदवारी पुख्ता कर ले जाएंगे।
6. अखिलेश यादव: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को भी उनके समर्थक प्रधानमंत्री पद का मजबूत दावेदार बताते हैं। हालांकि, जमीनी हकीकत देखी जाए तो अखिलेश अभी यूपी में ही अपने पांव मजबूत करने में जुटे हैं। हां, ये जरूर है कि उनका समर्थन जिसे मिलेगा उसकी दावेदारी और मजबूत हो जाएगी।