![Mamta Kulkarni: ममता कुलकर्णी ने छोड़ा किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर का पद, बोलीं- 'बचपन से ही साध्वी हूं' Mamta Kulkarni resigning from Mahamandaleshwar post of Kinnar Akhada says I have been sadhvi since childhood](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2025/02/10/mamta-kulkarni_0bb5c4aec5e71d440388992687fe584d.jpeg?w=414&dpr=1.0&q=65)
प्रयागराज । पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी रहूंगी’।
पूर्व बॉलीवुड अदाकारा ममता कुलकर्णी को बीते दिनों किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाया गया था। उन्होंने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में जाकर अपना पिंडदान किया था। उनकी पट्टाभिषेक प्रक्रिया के बाद उन्हें यह पद दिया गया। मगर, ममता के महामंडलेश्वर नियुक्त किए जाने के बाद से ही, उनकी नियुक्ति पर सवाल उठ रहे थे। आज सोमवार को ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा दे दिया है।
बोलीं- मेरे पद से बहुतों को आपत्ति हो गई
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में ममता ने पद छोड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘मैं महामंडलेश्वर यामाई ममता नंदगिरी, मैं इस पोस्ट से इस्तीफा दे रही हूं। किन्नर अखाड़े या दो अखाड़ों में मेरे महामंडलेश्वर के पद को लेकर काफी समस्याएं हो रही हैं। मैं पिछले 25 साल से साध्वी थी और साध्वी ही रहूंगी। यह मुझे महामंडलेश्वर का जो एक सम्मान दिया गया था, वो ऐसा सम्मान होता है, जिसने करीब 25 साल स्विमिंग की हो, उसे कहा जाए कि अब जो बच्चे आएंगे, उन्हें स्विमिंग की जानकारी देना। लेकिन, इस पर बहुतों को आपत्ति हो गई’।
बोलीं- 25 साल तक बॉलीवुड और मेकअप से दूर कौन रहता है?
ममता कुलकर्णी आगे कह रही हैं, ‘मैं काफी वक्त तक बॉलीवुड से दूर रही हूं। मैंने 25 साल से फिल्मी दुनिया छोड़ी हुई है। नहीं, तो फिल्मों से, मेकअप से इतना दूर कौन रहता है? मेरी काफी चीजों को लेकर लोगों के सवाल हैं, प्रतिक्रियाएं हैं। मैंने देखा कि मेरे महामंडलेश्वर होने से शंकराचार्य से लेकर काफी लोगों को आपत्ति है।’
बोलीं- ‘चंडी का संकेत है बाहर निकलने का’
ममता ने आगे कहा, ‘मेरे जो गुरू हैं, जिनके सानिध्य में मैंने घोर तपस्या की है, उनका नाम है चैतन्य गगनगिरी महाराज। वे सिद्ध महापुरुष थे। उनकी बराबरी में कोई मुझे नहीं दिखता। मैंने उनके सामने 25 साल टॉप किया है। मुझे कहीं कैलाश जाने, मानसरोवर जाने की जरूरत नहीं। सब ब्रह्मांड मेरे सामने हैं। 25 साल मैंने घोर तपस्या की है। लेकिन, आज सबको आपत्ति हो गई है। हिमांगी हों या कोई भी, उनके बारे में मैं नहीं बोलूंगी ज्यादा। मैं बस यही कहूंगी कि मैंने कुछ नहीं किया। यह सब चंडी है, जिनकी मैंने घोर आराधना की है। अब वही हैं, जो मुझे संकेत दे रही हैं कि मुझे इससे बाहर निकलना चाहिए’।