नईदिल्ली : पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक स्थल मामले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के भाई मनोहर राव ने कहा कि कांग्रेस को 20 साल पीछे मुड़कर देखना चाहिए कि उन्होंने अपने नेता पीवी नरसिम्हा राव को कितना सम्मान दिया. कांग्रेस ने उन्हें दो गज जमीन भी नहीं दी और न ही उनके लिए एक भी प्रतिमा बनवाई और न ही उन्हें भारत रत्न दिया.
यहां तक कि सोनिया गांधी भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई थीं. मनोहर राव ने कहा कि कांग्रेस ने नरसिम्हा राव के लिए पार्टी दफ्तर के ताले भी नहीं खोले. भाजपा निश्चित रूप से डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जमीन देगी. कुछ औपचारिकताएं हैं, जो कांग्रेस पूरा करे. बीजेपी स्मारक के लिए जरूर जमीन देगी. उन्होंने कहा कि नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की जोड़ी गुरु-शिष्य की जोड़ी थी.
मनमोहन राव ने कहा कि नरसिम्हा राव ने डॉक्टर मनमोहन सिंह पूरी छूट दी थी. उनके कार्यकाल में मनमोहन सिंह को खूब ख्याति मिली क्योंकि उन्होंने (नरसिम्हा राव) वित्त मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह को काम करने की आजादी दी थी. इस दौरान मनमोहन सिंह ने कई ऐतिहासिक फैसले किए. देश को आर्थिक संकट से बचाया. मगर मनमोहन सिंह की सरकार में उनके गुरु नरसिम्हा राव को क्या मिला?
मनोहर राव ने आगे कहा कि मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री…पूरी कैबिनेट शामिल थी. लेकिन नरसिम्हा राव के अंतिम संस्कार में कोई शामिल नहीं हुआ. क्या वे लोग हैदराबाद नहीं आ सकते थे? सोनिया गांधी उस समय एआईसीसी की प्रेसिडेंट थीं. क्या वह हैदराबाद नहीं आ सकती थीं? बाकी जगहों पर तो वह जाती थीं. मगर यहां नहीं आई.
हम मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताते हैं. उनके और उनके परिवार के प्रति संवेदना जताते हैं. बीजेपी उनके स्मारक स्थल बनाने के लिए जगह देगी. ट्रस्त बनाए जाने की बात चल रही है. इसके बाद स्मारक के लिए जमीन आवंटित कर दी जाएगी. दरअसल, कांग्रेस मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने के लिए राजघाट के पास जमीन चाहती थी. उसका कहना था वहीं अंतिम संस्कार हो और वहीं समाधि बने.