
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि 9-10 मई की रात पाकिस्तान ने बड़ा और संगठित मिसाइल व ड्रोन हमला किया, जिसका निशाना भारतीय सेना और नागरिक ढांचा था। इस हमले के बीच भारत ने एक खामोश ताकत ‘आकाशतीर’ को पेश किया, जिसमें स्थिति को बदल दिया।
मंत्रालय ने कहा, इस पूरी तरह से स्वदेशी और स्वचालित (ऑटोमैटिक) वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) ने खतरे की सटीकता का पता लगाया, उसकी निगरानी की और उसे निष्प्रभावी कर दिया। यह आधुनिक युद्ध में एक ऐतिहासिक क्षण था। इसने आगे कहा, पारंपरिक वायु रक्षा प्रणालियां इंसानी मदद और तय बुनियादी ढांचे पर निर्भर करती हैं। वहीं, आकाशतीर कई रडार, सेंसर और संचार नेटवर्क को रियल-टाइम मोबाइल कमांड सिस्टम से जोड़ता है। यह प्रणाली आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विकसित की गई है। यह प्रणाली सेना, नौसेना और वायु सेना में निर्बाध रूप से संचालित होती है, क्योंकि यह आईएसीसीएस और त्रिगुण नेटवर्क के साथ जुड़ी हुई है।
आकाशतीर को किसने तैयार किया
‘आकाशतीर’ को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और तैयार किया है। यह वायु रक्षा प्रणाली स्वचालित (ऑटोमैटिक) है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित है। पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान इस प्रणाली ने ड्रोन, मिसाइलों, छोटे मानव रहित विमान (यूएवी) और लॉइटरिंग म्यूनिशन (भटकते बम) को रोक दिया, जिससे यह एक वैश्विक स्तर की रक्षा प्रणाली बन गई है।
बीईएल के मुताबिक, इस प्रणाली को मार्च 2023 में हस्ताक्षरित 1,982 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत विकसित किया गया। आकाशतीर प्रणाली निगरानी करने वाले उपकरणों, रडार और कमान यूनिट को एक नेटवर्क में जोड़ता है और भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों को लगातार जानकारी देता है। यह प्रणाली युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेना के ऊपर के हवाई क्षेत्र पर निगरानी रखता है और जमीन पर मौजूद वायु रक्षा उपकरणों को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करता है।