छत्तीसगढ़: स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगी गुरु गोविंद सिंह के वीर साहिबजादों के अमर बलिदान की कहानी; CM साय ने की घोषणा

CM साय की बड़ी घोषणा, प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगी गुरु गोविंद सिंह के वीर साहिबजादों के अमर बलिदान की कहानी

रायपुर।  गुरु गोविंद सिंह के वीर साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के अमर बलिदान की कहानी अब छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों को पढ़ाई जाएगी. वीर साहिबजादों के वीरता की यह कहानी देश के युवाओं को साहस के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज वीर बाल दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित बौद्धिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बड़ी घोषणा की. उन्होंने गुरु गोविंद सिंह और वीर साहिबजादों का पुण्य स्मरण कर कहा कि हमें उनकी शिक्षाओं को अपनाना चाहिए और नई पीढ़ी को उनके आदर्शों से जोड़ना चाहिए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने वीर साहिबजादों के जीवनी पर आधारित एनिमेटेड फिल्म भी देखी.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें राष्ट्र की रक्षा के लिए सिख गुरुओं के त्याग की महान सिख परंपरा की याद दिलाता है. हमें ऐसे महान वीर सपूतों की प्रेरक कहानियां अपने बच्चों और समाज को बतानी चाहिए. उन्होंने गुरु गोविंद सिंह के साहेबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया. साय ने कहा कि भारत की प्रत्येक पीढ़ी गुरु गोविंद सिंह एवं उनके साहेबजादों के बलिदान को सदैव याद रखेगी. देश के लिए जीना और देश के लिए जरुरत पड़ने पर अपने प्राणों की आहुति देने की प्रेरणा हमें वीर बाल दिवस से मिलती है. उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस हमें राष्ट्र की एकता और अखंडता का भी स्मरण कराता है. 

   मुख्यमंत्री साय ने कहा कि समाज को तोड़ने वाली ताकतें हर दौर में सक्रिय रहती हैं. लेकिन गुरुगोविंद सिंह और उनके साहेबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जैसे वीर जिस धरती पर जन्म लेंगे उसकी ओर कोई आंख उठाकर भी नहीं देख सकता. उन्होंने कहा कि बाबा जोरावार सिंह और बाबा फतेह सिंह किसी एक धर्म या पंथ के लिए प्रेरणास्रोत नहीं हैं. वह संपूर्ण भारत के लिए अनुकरणीय हैं. साय ने कहा कि भारत का चरित्र मूल रूप से सामाजिक समरसता का रहा है. हमारे देश में कट्टरता और उन्माद को कभी जगह नहीं मिली. हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ उसका सबसे अच्छा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ की स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं. हमने विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया है. यह संकल्प सामाजिक समरसता से ही पूरा होगा.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ तो देशभर में अपनी सामाजिक समरसता, शांति और सौहार्द्र के लिए जाना जाता है. इसकी जड़ों को और गहरा करना होगा.

          वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रेम शंकर सिदार ने कहा कि भारत एक धर्म प्राण देश है. जब देश मे अन्याय बढ़ता है तो यहां के महापुरुष रक्षा के लिए खड़े हो जाते हैं. बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह दुनिया के सबसे कम उम्र के बलिदानी हैं. वे मृत्यु के सामने भी धर्म पर अडिग रहे. उन्होंने कहा कि भारत की जीवनी शक्ति इसकी आत्मा है. देश के महापुरुषों से प्रेरणा मिलती है कि हमें देश को संभाल के रखना है. बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को उनकी माता ने उनके बुजुर्गों के बलिदान की कहानी सुनाई थी. मृत्यु भी जीत है ये सन्देश इन बच्चों ने अपने बलिदान से दिया. सिदार ने कहा कि भारत के घर-घर में इन प्रसंगों की चर्चा होनी चाहिए ताकि हमारी नई पीढ़ी को इनसे प्रेरणा मिले.

          इस अवसर पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक किरण देव, विधायक सुनील सोनी, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक मोतीलाल साहू, पूर्णेन्दु सक्सेना, पवन साय, परमिन्दर सिंह भाटिया, ज्ञानी बाज सिंह जी, भूपेश सवन्नी, सिख समाज के अनुयायी, प्रबुद्ध नागरिकगण और स्कूली बच्चे उपस्थित थे.