बिलासपुर: हॉस्टल की दूसरी मंजिल से कूदी कोरबा की मूक-बधिर छात्रा, हुई मौत; छत पर वीडियो कॉल पर कर थी बात

छात्रा की बड़ी बहन ने मौत पर उठाए सवाल, निष्पक्ष जांच की मांग। - Dainik Bhaskar

बिलासपुर। एक दिव्यांग छात्रा ने हॉस्टल की दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि केयर टेकर छत पर ही मौजूद थी। उस वक्त छात्रा VIDEO कॉल पर बात करते-करते कूद गई। मामला सिरगिट्टी थाना क्षेत्र का है।

मिली जानकारी के मुताबिक छात्रा कोरबा जिले की रहने वाली थी। तिफरा स्थित आश्रयदत्त कर्मशाला (हॉस्टल) में 2 महीने पहले ही दाखिला लिया था, वह कम्प्यूटर कोर्स कर रही थी। मौत को लेकर छात्रा की बहन ने प्रबंधन पर लापरवाही बरतने और गुमराह करने का आरोप लगा

मिली जानकारी के मुताबिक रोज की तरह सभी चाय-नाश्ता कर रहे थे। इसी दौरान पल्लवी मोबाइल पर बात करते हुए छत की तरफ गई। केयर टेकर अलका कोरी ने छत पर उसे जाते देखा। उसके साथ एक अन्य छात्रा ने भी उसे छत पर देखा। इस दौरान पल्लवी छत के किनारे गई और छलांग लगा दी।

इस दौरान उसे कूदते देखकर केयर टेकर और एक अन्य छात्रा दौड़कर मौके पर पहुंचे, तो वह जमीन पर गिरी पड़ी थी। सभी आवाज सुनकर नीचे पहुंचे। छात्रा ​सिर के बल पड़ी थी। सिर और नाक से बहुत ज्यादा खून बह गया, जिससे उसकी जान चली गई।

पल्लवी की बहन प्रिया राज ने बताया कि हॉस्टल से उसे जानकारी मिली कि पल्लवी सुबह छत पर बैठकर धूप ताप रही थी। इसी दौरान वो छत से गिर गई, जिससे वह नीचे लहूलुहान हालत में मिली। छात्रावास के कर्मचारी उसे सिम्स में भर्ती कराए हैं, उसे मामूली चोटें आई है।

प्रिया राज ने बताया कि प्रबंधन ने बार-बार गुमराह किया। पहले सीढ़ी से गिरने से चोट लगने की बात कही, फिर छज्जे से गिरने का बताया गया। जब वह अस्पताल पहुंची, तब सही जानकारी देने वाला कोई नहीं था। अस्पताल में उसे अपनी बहन की मौत की खबर मिली।

आश्रयदत्त कर्मशाला की अधीक्षिका बीना दीक्षित ने बताया कि सुबह साढ़े 8 से 9 बजे के बीच यह घटना हुई है। सूचना मिलते ही मैंने सिम्स पहुंचकर पर्ची कटाई। कर्मचारी बच्ची को बस से लेकर पहुंचे। तत्काल उसे भर्ती कराया गया। शाम को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसने ऐसा क्यों किया, इसकी जानकारी नहीं है।

मामले में सिरगिट्टी टीआई रजनीश सिंह का कहना है कि पुलिस जानकारी जुटा रही है। छात्रा के मोबाइल की जांच की जांच भी की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि छात्रा किससे मोबाइल पर बात कर रही थी। मोबाइल की जांच और साथ में रहने वालों से पूछताछ के बाद कारण स्पष्ट हो सकेगा।