वॉशिंगटन। राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में दिए गए एक बयान की आलोचना हो रही है। जिस पर अब राहुल गांधी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आरक्षण को 50 प्रतिशत की सीमा से आगे ले जाएगी। राहुल गांधी ने कहा कि ‘मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं, लेकिन मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि- मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। हम आरक्षण को 50 फीसदी की सीमा से आगे लेकर जाएंगे।’
राहुल गांधी के इस बयान पर हुआ था विवाद
दरअसल राहुल गांधी ने कल वॉशिंगटन डीसी में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एक बयान दिया था, जिस पर विवाद हो गया था। अपने बयान में राहुल गांधी ने कहा था कि ‘जब भारत एक निष्पक्ष जगह बन जाएगा तो कांग्रेस आरक्षण खत्म करने पर विचार करेगी। राहुल गांधी ने कहा कि भारत अभी निष्पक्ष जगह नहीं है। भारत में 90 फीसदी आबादी दलित, पिछड़ों और आदिवासियों की है, जो खेल में शामिल ही नहीं हैं।’
राहुल गांधी ने कहा कि ‘जातीय जनगणना ये जानने का प्रयास है कि निचली, पिछड़ी जातियों और दलितों को व्यवस्था में कैसे एकीकृत किया जाएगा। भारत के 200 व्यवसायों में से, देश की 90 फीसदी आबादी का कोई स्वामित्व नहीं है। शीर्ष अदालतों में भी इनकी कोई भागीदारी नहीं है। मीडिया में भी निचली जातियों की कोई भागीदारी नहीं है।’ राहुल गांधी ने जातीय जनगणना के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि ‘हम ये समझना चाहते हैं कि पिछड़ों और दलितों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति कैसी है..हम भारतीय संस्थानों को भी देखना चाहते हैं ताकि इन संस्थानों में भारत की भागीदारी का अंदाजा लगाया जा सके।’
भाजपा ने राहुल गांधी के बयान पर साधा था निशाना
राहुल गांधी के इस बयान पर विवाद हो गया। भाजपा ने राहुल गांधी पर विदेश में राष्ट्र विरोधी टिप्पणी करने का आरोप लगाया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘राहुल गांधी का बयान क्षेत्रवाद, धर्म और भाषाई मतभेदों के आधार पर दरार पैदा करने की कांग्रेस की राजनीति उजागर करता है।’ बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती ने आरक्षण के बारे में राहुल गांधी के बयान को लेकर मंगलवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से स्पष्ट है कि उनकी पार्टी वर्षों से एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म करने की साजिश में लगी है।