बिलासपुर। महादेव सट्टा एप मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. रायपुर विशेष अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट के खिलाफ एप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैरवी की. मामले में आज सुनवाई अधूरी रही, जिसकी वजह से कल भी मामले की सुनवाई जारी रहेगी.
जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की अदालत में हुई सुनवाई में महादेव सट्टा एप के संचालक और वोंटूलो के नागरिक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने अपने अधिवक्ता कपिल सिब्बल के जरिए गैर जमानती वारंट को चुनौती देते हुए कहा है कि अदालत ने क्षेत्राधिकार से बाहर जा कर यह वारंट जारी किया है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि रायपुर स्थित ईडी की अदालत ईडी को यह निर्देशित नहीं कर सकती कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को गिरफ़्तार करें. यह अदालत अपने क्षेत्राधिकार के लिए विधिक अधिकार से संपन्न है लेकिन क्षेत्र से बाहर के लिए ऐसा नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण केंद्र सरकार का काम है. लेकिन केंद्र सरकार ने वोंटूलो में रह रहे सौरभ चंद्राकर के प्रत्यर्पण की कोई कार्यवाही नहीं की है.
पूर्व मुख्यमंत्री तक पहुंची आंच
बता दें कि महादेव एप की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहले से ही कर रही थी, जिसके बाद सीबीआई ने जांच कर रही है. ईडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एप संचालकों को 508 करोड़ रुपए देने की बात अदालत में कही थी. पूर्व मुख्यमंत्री के अलावा इसमें बड़ी संख्या में राजनेता, शीर्ष अधिकारी, पुलिसकर्मी, पत्रकार लिप्त बताए जा रहे हैं.
20 हजार करोड़ से अधिक का कारोबार
छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर पर अपने एक साथी रवि उप्पल के साथ ‘महादेव गेमिंग-बेटिंग’ नामक ऑनलाइन सट्टेबाज़ी एप की शुरुआत की, जिसका अब करीबन 20 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार बताया जाता है. पहले इस काम को दोनों आरोपी छत्तीसगढ़ से अंजाम दे रहे थे, लेकिन जैसे ही पैसा एप के जरिए आने लगा, कारोबार दुबई ले गए.