भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई में नगर निगम की टीम ने मस्जिद के नाम से किए गए अवैध कब्जे को तोड़ने का काम सोमवार को शुरू कर दिया है। टीम ने वहां बनाई गई एक मजार को भी ध्वस्त कर दिया। साथ ही वहां बनी दुकानें, वैवाहिक भवन और गेट को भी जमींदोज कर दिया गया।
भिलाई नगर निगम की टीम ने मस्जिद के नाम पर किए गए अवैध कब्जे को तोड़ने का काम शुरू कर दिया है।
निगम के अमले के साथ ही एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार सहित 100 से ज्यादा जवान और कई थानों की फोर्स सुबह 5 बजे से ही कार्रवाई के लिए पहुंची है। इसके तहत 5 दुकानें, स्वागत द्वार और मस्जिद की बाउंड्री वॉल तोड़ी जाएगी। कब्जा खाली कराने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है।
निगम अफसरों ने कहा कि जो भी गैर धार्मिक कब्जा है, सब तोड़ा जाएगा। इससे पहले इन्हें नोटिस दिया गया था, लेकिन इन्होंने नहीं हटाया, इसलिए कार्रवाई की जा रही है। वहीं करबला कमेटी ने इसका विरोध किया है और कब्जे को सही बताया है।
तस्वीरों में देखिए निगम की कार्रवाई…
मस्जिद के बाहर बनाए गए गेट को भी निगम की टीम ने जमींदोज कर दिया है।
दुकानें और मस्जिद तोड़ने के लिए बाहर खड़े निगम कर्मचारी और बुलडोजर।
मस्जिद के पीछे का भी बाउंड्री वॉल तोड़ा गया।
भिलाई में कई साल से अवैध कब्जा कर दुकानें, मकान, मजार और अन्य चीजें विकसित कर ली गई थी।
जेसीबी की मदद से मस्जिद के आसपास बनी दुकानों को तोड़ा जा रहा है।
दुकानें तोड़ने से पहले निगम की टीम ने उसे खाली कराया और सामान बाहर रखवा दिया।
अवैध रूप से कब्जा कर बनाई गई मजार को भी जेसीबी से तोड़ा गया है।
800 वर्ग फीट जमीन दी, ढाई एकड़ पर कब्जा किया
अफसरों के मुताबिक, 1984 में साडा (स्पेशल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने रायपुर-भिलाई मार्ग (जीई रोड) के किनारे करबला समिति को मस्जिद निर्माण के लिए 500-800 वर्ग फीट जमीन दी थी। आरोप है कि ढाई एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा वहां दुकानें, मजार, शादीघर और बड़ा गेट बना दिया गया।
निगम ने कार्रवाई से पहले 3 दिन में अवैध कब्जा हटाने का नोटिस जारी किया था।
हाईकोर्ट ने दुर्ग कलेक्टर को दिए थे निर्देश
ये कब्जा सैलानी दरबार के नाम पर किया गया है। अवैध कब्जे को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने दुर्ग कलेक्टर को 120 दिनों में निर्णय लेने का समय दिया था। इसके बाद निगम आयुक्त ने 3 दिन पहले नोटिस चस्पा कर कब्जा खाली करने के लिए कहा था।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और अफसर मौके पर डटे हुए हैं।
भिलाई की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
अफसरों ने बताया कि, अवैध कब्जा नहीं हटाए जाने पर टीम उसे तोड़ने के लिए पहुंची है। यहां पर कई सालों से अवैध कब्जा कर दुकानें, मकान, मजार और अन्य चीजें विकसित कर ली गईं। इसे तोड़ने के लिए 10 जेसीबी, 30 डंफर, 2 चेन माउंटर लगाए गए हैं। इसे भिलाई में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है।
समिति ने कहा- 1957 से हमारा कब्जा
करबला कमेटी के सचिव गुलाब नबी ने अतिक्रमण की कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि, 1957 से मुस्लिम समाज का यहां कब्जा है। कोर्ट ने भी इसे माना है। साडा ने हमें लिखकर 72 डेसिमल दिया था। हम यहां 25 सालों से बच्चों की शादी करते आ रहे हैं। दुकान और स्वागत द्वार क्या गलत है। निगम के बगल में बनाया, तब क्यों नहीं रोका गया। हमारा इमामबाड़ा तोड़ दिया, वो हमें दी गई जमीन पर ही था।
अफसर बोले- जो गैर धार्मिक, वो सब टूटेगा
नगर निगम भिलाई के अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी ने कहा कि, हमारी नगर निगम की जमीन पर अतिक्रमण था। करीब 7-8 एकड़ में है ये। इनको नोटिस दिया गया था, लेकिन इन्होंने नहीं हटाया। इसके बाद कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि, ये सेंसिटिव एरिया होता है। सक्षम स्तर पर आदेश होना होता है। जब हायर लेवल पर आदेश होते हैं, तब कार्रवाई करनी होती है। जो भी अतिक्रमण में है और गैर धार्मिक उपयोग का है उन सबको तोड़ा जाएगा।