छत्तीसगढ़: प्लांट में हॉपर गिरा, कई मजदूर दबे, 5 को मलबे से निकाला गया, 2 की मौत; भूसे की जगह कोयला था लोड

मां कुदरगढ़ी प्लांट में हॉपर गिरने से हादसा - Dainik Bhaskar

अंबिकापुर। मां कुदरगढ़ी एलुमिना प्लांट में कोयले से लोड हॉपर और करीब 150 फीट बेल्ट गिर जाने से 8 से 9 मजदूर दब गए। इनमें से दो की मौत हो गई, जबकि 2 की हालत गंभीर है। हॉपर के नीचे अभी भी 4 मजदूर दबे हुए हैं। बताया जा रहा है भूसा लोड करने वाले हॉपर में कोयला लोड किया जा रहा था।

सिलसिला में संचालित मां कुदरगढ़ी एलुमिना प्लांट में सुबह करीब 11 बजे काम चल रहा था। इसी दौरान कोयला लोड हॉपर नीचे गिर पड़ा। उसके साथ ही हॉपर से बॉयलर तक कोयला ले जाने वाली बेल्ट भी फ्रेम सहित गिर पड़ी। हादसे के दौरान वहां काम कर रहे मजदूर दब गए।

हादसे के बाद प्लांट में अफरा-तफरी मच गई। वहां काम कर रहे अन्य मजदूरों ने हाइड्रा और जेसीबी सहित मशीनों की मदद से मलबा हटाकर दबे लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू किया। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद 5 मजदूरों को बाहर निकाला जा सका।

वहां से एंबुलेंस से सभी को सरगुजा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। हालांकि अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने 2 मजदूरों को मृत घोषित कर दिया। उनके नाम मनोज और प्रिंस राज बताए जा रहे हैं। 2 की हालत गंभीर बनी हुई है। सूचना मिलने पर चौकी प्रभारी भी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए हैं।

कंपनी के प्लांट में हाइड्रा और जेसीबी मंगाई गई है। साथ ही गैस कटर से लोहे को काटकर मलबा हटाया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मलबे में तीन से चार मजदूर दबे हुए हैं, जिन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है। प्लांट में मैनपाट से लाए गए बाक्साइट का परिशोधन कर एलुमिना बनाया जाता है।

लापरवाही के कारण गिरा हॉपर

बताया गया है कि कोयला लोड जो हॉपर गिरा है, उसमें पहले भूसा भरा जाता था और भूसे से प्लांट का बॉयलर चलता था। 1 सितंबर से इस हॉपर में कोयला डाला जाने लगा और कोयले से बॉयलर चलाया जा रहा था। हॉपर भूसा भरने की क्षमता के हिसाब से बनाया गया था। जबकि कोयला भरे जाने से हॉपर ओवरलोड हो गया और वजन नहीं संभाल पाने के कारण गिर गया।