कोलकाता : कोलकाता की एक अदालत ने शुक्रवार को सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय की जमानत याचिका खारिज कर दी और उसे 20 सितंबर तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सुनवाई के दौरान फूट-फूट कर रोने लगा आरोपी संजय
मामले से जुड़े वकील अदालत में मौजूद थे, जबकि आरोपी वर्चुअल मोड में मौजूद था। वहीं सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो संजय रॉय रोने लगा। वहीं राज्य कानूनी सहायता की तरफ से नियुक्त उनके वकील ने यह कहते हुए जमानत की गुहार लगाई कि उनके मुवक्किल को फंसाया गया है और उनका अपराध से कोई संबंध नहीं है।
सीबीआई के वकील ने किया था जमानत याचिका का विरोध
इस दौरान सीबीआई के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इससे उनकी चल रही जांच में बाधा आएगी। फिर दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी संजय रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बता दें कि केंद्रीय एजेंसी कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर मामले की जांच कर रही है।
वकीलों के देर से आने पर पर जज ने जताई नाराजगी
इससे पहले, न्यायाधीश ने सीबीआई के जांच अधिकारी (आईओ) और वकील के सुनवाई की शुरुआत में अनुपस्थित रहने पर नाराजगी जताई। वहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सीबीआई के वकील के अदालत पहुंचने में देरी पर सवाल उठाया। तृणमूल कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, जांच अधिकारी कहां थे? वकील कहां थे? कहीं नहीं दिखे! सीबीआई मामले को संभालने में कितनी उदासीन है, यह दर्शाता है। यह न्यायिक प्रक्रिया को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना है, जिसमें सीबीआई अपना कर्तव्य निभाने के बजाय भाजपा की वफादार सहयोगी की भूमिका निभा रही है।
महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी का आरोपी है संजय रॉय!
बता दें कि नौ अगस्त की सुबह पुलिस ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर का शव बरामद किया। नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को अपराध में कथित संलिप्तता के लिए अगले दिन कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस वारदात से पूरे देशभर में भारी हंगामा मचा था। जबकि अभी भी राज्य में विपक्ष के साथ-साथ तमाम सामाजिक संगठनों का विरोध-प्रदर्शन जारी है।