नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए केंद्रीय कानून बनाने और अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने की मांग की है। अपनी मांगों को लेकर आईएमए ने राष्ट्रीय टास्क फोर्स (एनटीएफ) को पत्र लिखा है।
हाल ही में कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल डॉक्टर एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म एवं हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एनटीएफ का गठन किया था। एनटीएफ को स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने का दायित्व सौंपा गया है।
आईएमए ने पत्र में लिखा कि केंद्रीय कानून नहीं होने से पुलिस आधे-अधूरे मन से कार्रवाई करती है। इससे घटनाओं की जांच प्रभावित होती है। मजबूत केंद्रीय कानून पूरे देश में हिंसा रोकने में कारगर होगा। आईएमए ने कहा कि अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने का प्रविधान को प्रस्तावित कानून में भी शामिल किया जा सकता है। सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने से अस्पतालों को सुरक्षा संबंधी अधिकार मिल सकेंगे। आईएमए रेजिडेंट डॉक्टरों की कार्य और जीवन स्थितियों में सुधार की भी मांग की है।