‘काला नाग… बिगड़ा शहजादा… हुस्न परी…’, चुनाव में नेताओं के बिगड़ रहे बोल, EC की सख्ती भी रही है नाकाफी

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर देश भर में चुनाव प्रचार अपने चरम पर है. सभी राजनीतिक दलों की तरफ से जमकर प्रचार हो रहा है. हालांकि इस चुनाव में कई बार भाषायी मर्यादा टूटती दिख रही हैं और नेता नाम लेकर विरोधी दलों के नेताओं पर हमला बोल रहे हैं. ‘काले नाग’, ‘बिगड़ा शहजादा’ और ‘हुस्न परी’ जैसे कटाक्ष के साथ एक दूसरे पर निजी हमले कर रहे हैं. कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी की मथुरा से सांसद हेमा मालिनी के बारे में अमर्यादित टिप्पणी की थी जिसके बाद चुनाव आयोग की तरफ से कार्रवाई भी की गयी थी. तमाम राजनीतिक दलों के कई नेता एक दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं. चुनाव आयोग की सख्ती का भी असर उनके ऊपर नहीं हो रहा है. 

सुप्रिया श्रीनेत  कंगना रनौत को लेकर की थी आपत्तिजनक पोस्ट 
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के सोशल मीडिया अकाउंट से एक्ट्रेस कंगना रनौत को लेकर एक आपत्तिजनक पोस्ट शेयर किए जाने के बाद विवाद हो गया. इसके जवाब में कंगना ने कहा, ‘हर महिला गरिमा की हकदार है.’ हालांकि, विवाद बढ़ने पर सुप्रिया श्रीनेत के अकाउंट से पोस्ट डिलीट कर दी गई. अपनी सफाई में सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “मैं ऐसा नहीं कर सकती. मेरा अकाउंट से किसी ने ऐसा किया. इसे कई लोग इस्तेमाल करते हैं. मुझे जैसे ही पता चला मैंने यह पोस्ट हटवा दी.” चुनाव आयोग की तरफ से उन्हें नोटिस दिया गया था. 

कंगना के बयानों की भी जमकर हुई चर्चा
कंगना रनौत भी नाम लेकर निजी टिप्पणी करने में पीछे नहीं रहीं और कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और मंडी सीट से उनके प्रतिद्वंद्वी विक्रमादित्य सिंह को क्रमश: ‘बड़ा पप्पू’ और ‘छोटा पप्पू’ कहा.  उन्होंने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके पिता मोतीलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी सहित गांधी-नेहरू परिवार को निशाना बनाया और कांग्रेस को ‘एक बीमारी’ और अंग्रेजों द्वारा छोड़ी गई ‘दीमक’ करार दिया जो उनके मुताबिक 2014 तक ‘देश को खा रही थी’. अभिनेत्री ने विक्रमादित्य को ‘बिगड़ा शहजादा’ भी कहा है. उन्होंने उनपर तंज कसते हुए कहा कि वह अपने पिता या पति के प्रभाव के कारण राजनीति में नहीं आई हैं. विक्रमादित्य के पिता वीरभद्र सिंह राज्य के चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं और उनकी मां प्रतिभा सिंह मंडी से मौजूदा सांसद हैं.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा ने रनौत को ‘परी’ करार देते हुए कहा है कि लोग केवल उन्हें देखने आते हैं. प्रतिभा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कि कंगना की मां आशा रनौत ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता ‘ये हुस्न परी है’, और ‘ये क्या चीज है’ जैसी टिप्पणियां कर रही हैं और यह भूल गई हैं कि उनके घर में भी बेटियां हैं. उन्होंने कहा, ‘‘एक मां होने के नाते मुझे दुख होता है और मुझे लगता है कि ऐसी टिप्पणियों से अन्य मांएं भी दुखी हो रही हैं.”

हिमाचल के सीएम ने भी दिए थे विवादित बयान
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार को गिराने की कोशिशों से नाराज होकर कांग्रेस के बागियों को ‘काले नाग’और ‘बिकाऊ’ करार दिया था और अपने चुनावी अभियान के दौरान भी ‘‘बिकाऊ बनाम टिकाऊ” के नारे का इस्तेमाल किया था.  राज्यसभा की एक सीट के लिए 27 फरवरी को हुए मतदान के दौरान कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय सहित 9 विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था. बाद में वे सभी भाजपा में शामिल हो गए. कांग्रेस के छह पूर्व विधायक अब अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से भाजपा के टिकट पर विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं.

नवनीत राणा के भड़काऊ भाषण से हुआ विवाद
बीजेपी नेता नवनीत राणा ने हैदराबाद में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अकबरुद्दीन ओवैसी के 15 मिनट के बयान पर 15 सेकेंड वाला बयान दिया था. नवनीत राणा ने कहा था कि अगर 15 सेकेंड के लिए ही पुलिस हटा ली जाए तो छोटे और बड़े को ये पता नहीं लगेगा कि कहां से आए और कहां को गए. उनके इस बयान पर जमकर विवाद हुआ था.असदुद्दीन ओवैसी ने नवनीत राणा के बयान पर पलटवार किया था. उन्होंने कहा था कि 15 सेकेंड क्या 15 घंटे ले लीजिए..डरता कौन है, हम तैयार हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से कहकर 15 दिन ले लीजिए.

सैम पित्रोदा के बयान से असहज हुई कांग्रेस
सैम पित्रोदा अक्सर अपने बयानों से लोगों के निशाने पर आ जाते हैं. पित्रोदा ने बुधवार को ही रंगभेद को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत में पूर्व के लोग चाइनीज और दक्षिण के लोग साउथ अफ्रीकन जैसे दिखते हैं. कांग्रेस ने पित्रोदा के इस बयान से किनारा कर लिया. सैम पित्रोदा के बयान को लेकर कांग्रेस ने कहा, “भारत की विविधता की ये परिभाषा मंजूर नहीं है. यह गलत है.” लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया.

गिरिराज सिंह के बयान पर भी हुआ था हंगामा
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा बुर्के की आड़ में मतदान को प्रभावित करने व रोकटोक पर  विवाद करने की घटनाएं सामान्य हैं. चुनाव आयोग के निर्देशानुसार पोलिंग एजेंटों द्वारा आपत्ति करने पर उनकी पहचान सुनिश्चित करने से किसी की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होती है. मैं चुनाव अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि ऐसे किसी भी मामलों पर उनकी पहचान अवश्य करें.  उनके इस बयान को लेकर भी हंगामा देखने को मिला था. 

सम्राट चौधरी ने लालू यादव पर दिया था विवादित बयान
बिहार बीजेपी के प्रमुख सम्राट चौधरी के बयान पर काफी विवाद देखने को मिला था. सम्राट चौधरी ने कहा था कि टिकट बेचने में लालू यादव ने अपनी बेटी को भी नहीं छोड़ा. पहले अपनी बेटी की किडनी ली और उसके बाद लोकसभा चुनाव का टिकट दे दिया. सम्राट चौधरी ने कहा था कि आगामी चुनाव में मैदान में उतरने से पहले लालू ने अपनी बेटी की किडनी ले ली. राजद की तरफ से इसे लेकर जमकर आपत्ति जतायी गयी थी. 

राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के उम्मीदवार पर दर्ज हुआ था केस
राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ कथित अभद्रता करने वालों के हाथ और जीभ काट कर लाने वालों को 11-11 लाख रुपये का इनाम वो देंगे.  फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर पार्टी के प्रत्याशी होतम सिंह निषाद के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था. पुलिस ने बताया था कि अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट की शिकायत पर सदर थाने में मंगलवार को देर रात निषाद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.