नई दिल्ली । दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासत तेज हो गई है। नई दिल्ली विधानसभा में भाजपा नेता के द्वारा पैसे बांटने के मामले में आप नेता प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय पहुंचे हैं।
भाजपा नेता प्रवेश वर्मा और मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ आप से राज्यसभा सांसद संजय सिंह और अन्य नेता ईडी के कार्यालय पहुंचे हैं। जहां वह वोटरों को कैश देने के मामले में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने आए हैं। बता दें कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा से मौजूदा विधायक हैं।
कैश कांड पर सीएम आतिशी ने लगाया था आरोप
जानकारी के लिए बता दें कि बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया था। सीएम आतिशी ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल के विधानसभा क्षेत्र नई दिल्ली में वोटर कार्ड चेक करके भाजपा लोगों को पैसे बांट रही है। प्रवेश वर्मा अपने सरकारी आवास पर पैसे बांटते पकड़े गए, जो उन्हें सांसद होने के नाते मिले थे।
मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया था कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों की झुग्गियों से महिलाओं को वहां बुलाकर एक-एक लिफाफे में 11- 1100 रुपये दिए गए। मैं ईडी और सीबीआई से कहना चाहती हूं कि प्रवेश वर्मा के घर पर अभी भी करोड़ों रुपये की नकदी पड़ी है, आप अभी जाइए।’
‘पर्चे पर पीएम मोदी और जेपी नड्डा की तस्वीर’
आतिशी ने कहा था कि मैं चुनाव आयोग से कहना चाहती हूं कि ईडी और दिल्ली पुलिस से प्रवेश वर्मा के सरकारी आवास पर छापा मरवाएं और उन्हें अभी गिरफ्तार करवाएं। भाजपा हारा हुआ चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है। हम इसकी आधिकारिक शिकायत पुलिस और चुनाव आयोग से करेंगे, जिस पर्चे में पैसे बांटे जा रहे हैं, उस पर पीएम मोदी और जेपी नड्डा की तस्वीरें भी हैं।
भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने दी सफाई
वहीं, सीएम आतिश के बयान पर भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने सफाई दी है। प्रवेश वर्मा ने कहा, ‘कल मैंने अरविंद केजरीवाल का ट्वीट देखा और आज दिल्ली के अस्थायी सीएम की प्रेस कॉन्फ्रेंस सुनी। आप सांसद संजय सिंह भी मेरे घर के आसपास घूम रहे हैं। राष्ट्रीय स्वाभिमान संस्थान की शुरुआत मेरे पिताजी ने करीब 25 साल पहले की थी। आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि हम जो काम कर रहे हैं, उसकी सराहना आतिशी जी और केजरीवाल जी कर रहे हैं।
प्रवेश वर्मा ने सफाई देते हुए कहा था कि मैं यहां महिलाओं का दुख देख रहा हूं, जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने मुझे बताया कि न तो उनके पास पेंशन है, न उनके पास राशन कार्ड है, न नौकरी है, न दवा की सुविधा है। मैंने तय किया कि हर महीने अपने संगठन के साथ हम एक योजना बनाएंगे और मासिक आधार पर उनकी मदद करेंगे। मुझे एक बात की खुशी है कि कम से कम मैं यहां शराब नहीं बांट रहा हूं, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री पूरी दिल्ली में बांट रहे थे।’