निर्वाचन आयोग ने SBI से मिले नए आंकड़े-सूचनाओं को किया अपलोड; यहां देखिए बॉन्ड से जुड़ी डिटेल

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नई दिल्ली। हजारों करोड़ रुपये का चुनावी चंदा लेने के लिए इस्तेमाल किए गए- इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े महत्वपूर्ण डेटा को चुनाव आयोग ने एक बार फिर आम जनता के सामने पेश किया है। इस बार पुराने आंकड़ों से अधिक विवरण शेयर किए गए हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से मिले नए आंकड़ों-सूचनाओं में चुनावी बॉन्ड के खरीदार का नाम, भुनाने वाली पार्टी का नाम और बॉन्ड के सीरियल नंबर जैसी डिटेल भी शामिल है। डेटा सार्वजनिक कर आयोग ने बताया कि उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर बॉन्ड से जुड़ी पूरी डिटेल पढ़ी सकती है।

डेटा जारी होने पर चुनाव आयोग का बयान
चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में एसबीआई ने 21 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा मुहैया कराया। आयोग ने पूरी जानकारी- जिस स्थिति में मिला वैसे ही आधार पर (as is where is basis) वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा 900 से अधिक पन्नों में आम जनता भी देख सकती है।

यहां देखें एसबीआई की तरफ से मुहैया कराया गया 938 पन्नों का पूरा डेटा-


हफ्तेभर पहले पहली बार सामने आए इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े आंकड़े
इससे पहले 14 मार्च को भी आयोग ने बॉन्ड का डेटा जारी किया था। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दान देने वालों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज शामिल हैं। इसमें टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड शामिल हैं। इसके अलावा सूची में चुनावी बॉन्ड के खरीदारों में अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा के नाम शामिल हैं।

इसके साथ ही चुनाव आयोग की ओर से साझा की जानकारी में बताया गया है कि इन बॉन्ड्स के जारिए भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस को धन मिला। सूची में द्रमुक, जद(एस), राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जद (यू), राजद, आप और सपा के भी नाम हैं।

यहां देखें पूरा डेटा
1.चुनावी बॉन्ड के खरीदारों के नाम
2.बॉन्ड भुनाने वाले राजनीतिक दल

सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्तों में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड जारी किए हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान है।