लोक सभा चुनाव 2024: 72 साल बाद भारत का दूसरा सबसे लंबी अवधि का चुनाव, ECI के सामने क्या है मजबूरी?

नईदिल्ली : निर्वाचन आयोग ने इस हफ्ते चुनावों की तारीख घोषित कर दी। पूरे देश में कुल मिलाकर सात चरणों में मतदान संपन्न कराए जाएंगे। इस बार कुछ मायनों में काफी अलग है। दरअसल, इस बार 72 साल बाद दूसरी बार ईसीआई ने लंबा शेड्यूल जारी किया है। चुनावी इतिहास में ये दूसरा मौका है, जब जून के गर्म महीने तक वोटिंग होने जा रही है।

देश में वर्ष 1951-52 में पहला संसदीय चुनाव हुआ था। जिसके बाद ये दूसरा मौका है जब सबसे लंबी अवधि वाला लोकसभा चुनाव इस वर्ष यानी 2024 में होगा। इस बार चुनाव 19 अप्रैल से एक जून तक होंगे। देश में सात दशक बाद मतदाताओं की संख्या 96.8 करोड़ हो चुकी है। ऐसे में 2024 का संसदीय चुनाव सबसे लंबी अवधि का होना अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

68 चरणों में हुए थे मतदान
1951-52 में देश में लोकसभा चुनाव 68 चरणों में हुए थे। इसकी शुरुआत 25 अक्टूबर, 1951 से हुई थी। इसके अलावा, जून में आम चुनाव वर्ष 1991 में उस वक्त हुए थे, जब शपथ ग्रहण के 16 महीने बाद ही चंद्रशेखर सरकार भंग कर दी गई।

जून में चुनाव क्यों?
सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के तहत मतदान 1 जून तक होंगे। शुरुआत 19 अप्रैल से हो रही है। लंबी अवधि का चुनावी शेड्यूल की एक वजह ये भी है कि इस बार 2019 की तुलना में मतदान 6 दिन की देरी से शुरु हो रहे हैं। वहीं दूसरी वजह चुनाव की बीच में त्यौहारों का सीजन होने के चलते छुट्टियां भी हैं। दरअसल, मार्च और अप्रैल के बीच होली, तमिल न्यू ईयर, बीहू और बैसाखी त्यौहार हैं।