कोरबा।कोरबा में स्टेयरिंग रॉड टूटते ही संजीवनी वाहन सड़क पर सरपट भागने लगा, जिससे मरीजों में हड़कंप मच गया। किसी तरह चालक ने वाहन पर काबू पाया। नजारा देख लोगों की सांसें थम गई थी, मरीजों को अन्य वाहन से अस्पताल शिफ्ट किया गया तब जा कर मरीज और परिजनों ने राहत की सांस ली।
शासन ने मरीजों को घर से अस्पताल पहुंचाने संजीवनी एक्सप्रेस की सेवा शुरू की है। इस जरूरी सेवा को ही संजीवनी की जरूरत है। इसका खुलासा उस वक्त हुआ, जब मरीज को लेकर अस्पताल जाते समय छोटी सी चढ़ाई में एम्बुलेंस का स्टेयरिंग रॉड टूटकर अलग हो गया। मरीज को एक अन्य एम्बुलेंस से मेडिकल कॉलेज अस्पताल शिफ्ट किया गया। सुखद पहलू तो यह है कि मरीज के साथ किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई।
दरअसल रामपुर बस्ती में एक परिवार निवास करता है। इस परिवार में बुजुर्ग महिला की तबीयत बीते कुछ दिनों से ठीक नहीं थी । उसे अस्पताल ले जाने परिजनों ने 108 डॉयल कर सूचना दी। कंट्रोल रूम से सूचना मिलने पर ईएमटी टिकेश्वर के साथ पायलट नरेश कुमार संजीवनी एक्सप्रेस क्रमांक सीजी 04 एनसी 7389 को लेकर रवाना हो गए।यह घटना तानसेन चौक से बालको की ओर जाने वाले मार्ग पर रामपुर शराब दुकान के समीप घटित हुई।
18 घंटे तक खड़ी रही एम्बुलेंस
जानकारों की मानें तो संजीवनी एक्सप्रेस के मेंटेनेंस के लिए एक नामी गिरामी कंपनी से अनुबंध किया गया है। प्रबंधन की ओर से एम्बुलेंस में खराबी आने पर कंपनी को सूचना दी जाती है। बालको मार्ग पर घटित घटना के बाद भी मरम्मत के लिए सूचना तो दी गई, लेकिन कर्मचारी नहीं पहुंचे, जिससे करीब 18 घंटे तक एम्बुलेंस मुख्यमार्ग के किनारे ब्रेक डाउन हालत में खड़ी रही।
दरअसल संजीवनी एक्सप्रेस का खराब होने की यह कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिसके चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ चुका है। समय-समय पर मेंटेनेंस के लिए संजीवनी वाहन से संबंधित अधिकारियों को और कर्मचारियों को ध्यान देने की जरूरत है ताकि इस तरह की घटना दोबारा ना हो सके।