अमेठी से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर सकते हैं वरुण गांधी, सपा-कांग्रेस पीछे से करेंगी समर्थन

Lok Sabha Elections: Varun Gandhi can contest from Amethi as a ruthless candidate, SP-Congress can support fro

अमेठी। रायबरेली और अमेठी कांग्रेस की पारंपरिक सीटें होती थीं। इन सीटों पर चुनाव कौन लड़ेगा इसे पूछने की जरुरत नहीं होती थी। कई चुनावों बाद ऐसा हो रहा है कि इन दो सीटों पर भ्रम सबसे ज्यादा है। इसकी वजह भी साफ है। राहुल 2019 में अमेठी से चुनाव हार चुके हैं। वह वायनाड से लोकसभा सांसद हैं। ऐसे में इस बात का संशय गहरा है कि यहां से कौन उम्मीदवार बने। राहुल की फिर से इस सीट पर आएंगे या कोई अन्य आ सकता है। इसी तरह रायबरेली की सीट पर बीते कई चुनावों से सोनिया गांधी ही उम्मीदवार होती थीं। इस बार वह राज्यसभा के लिए चुन ली गई हैं। ऐसे में रायबरेली की सीट भी खाली हो गई है। अब इन दोनों सीटों में संशय बड़ा हो गया है। राजनीतिक गलियारों में इन बातों के कयास लगाए जा रहे हैं कि सोनिया की सीट पर कौन उम्मीदवार होगा। साथ ही क्या राहुल मां की सीट पर लौट सकते हैं। ऐसे में कई थ्योरी बन रही हैं। 

वरुण को लेकर चर्चा
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद रायबरेली लोकसभा क्षेत्र को लेकर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं। सोनिया गांधी के चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में इस सीट पर प्रियंका के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है। उनके मैदान में नहीं उतरने पर पार्टी किसी ब्राह्मण अथवा दलित चेहरे पर दांव लगा सकती है। इसी तरह अमेठी में राहुल गांधी के चुनाव नहीं लड़ने पर पिछड़े वर्ग के युवा चेहरे को मैदान में उतारा जा सकता है। 

एक चर्चा यह भी है कि यहां से वरुण गांधी को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतार कर सपा और कांग्रेस समर्थन कर सकती है। गठबंधन के तहत मिली 17 सीटों में वर्ष 2019 में सिर्फ रायबरेली सीट कांग्रेस के पास आई, जबकि अमेठी में उसे हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह 2014 में अमेठी और रायबरेली सीटें मिली थी। 2009 में कांग्रेस को कानपुर, महराजगंज, झांसी, बाराबंकी सहित 21 सीटें मिली थीं। सहारनपुर सीट 1984 के बाद अभी तक एक बार भी कांग्रेस के खाते में नहीं रही है।