कोरबा: एसईसीएल की खदान में फिर हुआ हादसा, ट्रेलर पलटा, केबिन के नीचे दबने से चालक की दर्दनाक मौत

Another accident in Deepka mine driver died due to being buried under the cabin of the trailer in Korba

कोरबा। कोरबा में एसईसीएल दीपका एरिया के पांच नंबर कांटा गोदावरी फेस के पास बीती रात एक ट्रेलर अनियंत्रित गति से जा रहा था, जो आगे जाकर तालाब में पलट गया, जिसमें ट्रेलर चालक की घटना स्थल पर ही दबने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद खदान में राहगीरों की भीड़ एकत्रित हो गई। इसकी सूचना एसईसीएल के अधिकारियों और दीपका थाना पुलिस को दी गई।

खदान के अंदर दुर्घटना में एक ट्रेलर चालक की मौत होने की खबर सुबह पांच बजे पता चली तब लोगों ने घटनास्थल पर पलटे हुए ट्रेलर को देखा और उसके केबिन के नीचे चालक दबा हुआ था। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच कार्रवाई शुरू की। जहां शव का पहचान कार्रवाई करते हुए मृतक के परिजनों को मौके पर बुलाया गया। 

बताया जा रहा है कि दीपका खदान के गोदावरी फेस कांटा नंबर पांच के पास बीती रात एक ट्रेलर तालाब में पलट गया जिससे चालक प्रेम सिंह मरावी पिता कार्तिक राम मरावी उम्र 35 वर्ष बक्साही पाली निवासी की टेलर के वाहन के केबिन में दबने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई। एसईसीएल के रोड सेल विभाग में हिंद वाशरी के नाम पर कोयले का उठाव किया जा रहा था, जिसमें हिमांशु जायसवाल का ट्रेलर क्रमांक सीजी 12 AR 0356 वाहन नियोजित है। उसी वाहन को प्रेम सिंह मराबी चलाता था।
 हादसे के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और ट्रेलर के केबिन से मृत चालक को निकालने का प्रयास किया। खदान में लगभग 30 फिट नीचे तालाब था जहां गिरने के बाद ट्रेलर वाहन का केबिन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। पुलिस को वहां और केबिन में फंसे चालक को निकालने के लिए घंटों मशक़्क़त करनी पड़ी।

दीपका थाना प्रभारी अश्वनी राठौर ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच कार्रवाई शुरू की गई। शव का पोस्टमार्टम कराया गया। हादसा कब कैसे और किन परिस्थिति में हुआ, इसकी जांच की जा रही है।

मृतक के भाई राजेंद्र निषाद ने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा उसे फोन के माध्यम से दुर्घटना होने की जानकारी मिली थी। मृतक प्रेम सिंह मरावी की एक 5 वर्ष पुत्री है और पत्नी बिलासपुर के निजी अस्पताल में स्टाफ नर्स है। इस घटना के बाद परीजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।