छत्तीसगढ़: हार के बाद कांग्रेस नेताओं में बढ़ी तकरार, बैठक में पूर्व विधायक और पूर्व महापौर के बीच हुई जमकर तू-तू…मैं-मैं

दुर्ग। छत्‍तीविधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस नेताओं के बीच अब खुलकर तकरार होने लगी है। कांग्रेस के राजीव भवन में बैठक के दौरान पूर्व विधायक अरुण वोरा और पूर्व महापौर शंकरलाल ताम्रकार आपस में भिड़ गए।

वोरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 1994 में पूर्व महापौर ने उनके पिता स्व. मोतीलाल को धृतराष्ट्र कहा था और मेरी खिलाफत की थी। इसके बाद दोनों नेता एक-दूसरे को उंगली दिखाते हुए आरोप लगाते रहे। इस दौरान पूर्व महापौर व मोतीलाल वोरा के नजदीकी माने जाने वाले कांग्रेस नेता आरएन वर्मा मोबाइल पर अपना ध्यान केंद्रित रखे हुए थे।

उन्होंने इन नेताओं को कुछ नहीं कहा। इसी तरह से दुर्ग शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गया पटेल भी हाथ बांधकर बैठे रहे। इस दौरान बैठक में उपस्थित कार्यकर्ता और नेता दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच हो रही तकरार का नजारा देखते रहे। कोई भी बीच-बचाव करने नहीं आया। 

बता दें कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के 139वें स्थापना दिवस के अवसर पर कांग्रेस ने नागपुर के ढिंगोरी नाका में राष्ट्रीय रैली का आयोजन किया है। रैली की तैयारी पर चर्चा के लिए राजीव भवन में शहर कांग्रेस कमेटी की बैठक बुलाई गई थी।

विधानसभा चुनाव में मिली पराजय को लेकर चर्चा 

इसमें शहर कांग्रेस अध्यक्ष गया पटेल, पूर्व विधायक अरुण वोरा, पूर्व महापौर शंकरलाल ताम्रकार, आरएन वर्मा, महापौर धीरज बाकलीवाल सहित अन्य नेता और पदाधिकारी मौजूद थे। नागपुर रैली को लेकर चर्चा के बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं ने विधानसभा चुनाव में मिली पराजय को लेकर चर्चा शुरू की। 

भितरघातियों का नाम सार्वजनिक करने के साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कुछ कार्यकर्ता मुखर होने लगे। पूर्व महापौर शंकरलाल ताम्रकार ने अपनी जगह पर खड़े होकर मांग को जायज बताया, लेकिन इस दौरान उनके बगल में बैठे पूर्व विधायक अरुण वोरा अचानक उठ खड़े हुए। उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए शंकरलाल से कहा कि उन्होंने उसके पिता को धृतराष्ट्र कहा था। वोरा का यह रूप देखकर बैठक में मौजूद कांग्रेस के अन्य नेता भौचक रह गए।