मुंबई। टीआरपी की रेस में नंबर पांच पर पहुंच चुका सोनी एंटरटेनमेंट चैनल अब पौराणिक धारावाहिक ‘श्रीमद रामायण’ के जरिए दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करने की सबसे बड़ी कोशिश करने जा रहा है। इन दिनों गुजरात के चर्चित इलाके उमरगांव में धारावाहिक ‘श्रीमद रामायण’ की शूटिंग जोरों से चल रही है। सोमवार को मुंबई से पूरी बस भरके पत्रकार उमरगांव पहुंचे लेकिन धारावाहिक में राम, सीता और लक्ष्मण का किरदार निभा रहे कलाकार ऐन मौके पर सामने नहीं आए। सीरियल में रावण का किरदार निभा रहे निकितन धीर, हनुमान का किरदार निभा रहे निर्भय वाधवा, कैकेकी की भूमिका निभा रही शिल्पा शिल्पा सकलानी और दशरथ की भूमिका निभा रहे अभिनेता अभिनेता आरव चौधरी को देखकर लगा कि मामला कुछ कुछ ‘आदिपुरुष’ जैसा होता दिख रहा है।
भावविहीन दिख रहे राम बने कलाकार
धारावाहिक ‘श्रीमद रामायण’ में सुजय रेऊ राम की भूमिका निभा रहे हैं। उमरगांव में सबसे पहले मीडिया कर्मियों को अयोध्या के सेट पर ले जाया गया। जहां पर राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान की एंट्री हुई। सेट बहुत ही भव्य स्तर पर बने हैं लेकिन रामानंद सागर की ‘रामायण’ में राम की भूमिका में अभिनेता अरुण गोविल का जैसा व्यक्तित्व दिखा वैसा सुजय रेऊ में नहीं है। तकनीक का सहारा लेकर भले ही राम के व्यक्तित्व को निखारने की कोशिश की जा रही है। लेकिन, राम की जो छवि रही है, जिसे देखते ही मन मोहित हो जाता है। वैसा भाव सुजय रेऊ के चेहरे पर नजर नहीं आया। उनकी आंखों में राम सी सजलता भी नहीं है। यही हाल सीता की भूमिका निभा रही प्राची बंसल और लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे अभिनेता अभिनेता बसंत भट्ट का भी दिखा।
राम की भूमिका में अब तक दिखे ये अभिनेता
धारावाहिक ‘श्रीमद रामायण’ से पहले रामायण पर कई धारावाहिक बन चुके हैं। जिनमें सबसे पहले रामानंद सागर का रामायण था। जिसने राम की भूमिका अरुण गोविल ने निभाई थी। 2002 में बीआर चोपड़ा के प्रोडक्शन की ‘रामायण’ में भगवान राम का किरदार नीतीश भारद्वाज ने, 2008 में टीवी पर प्रसारित ‘रामायण’ में गुरमीत चौधरी भगवान राम बने, ‘सिया के राम’ में भगवान राम की भूमिका आशीष शर्मा और ‘संकटमोचन महाबली हनुमान’ में गगन मलिक ने भगवान राम की भूमिका निभाई।
निकितन धीर में नहीं दिखा रावण सा तेज
राम की अयोध्या का सेट दिखाने के बाद पत्रकारों को उमरगांव में बनी रावण की लंका ले जाया गया। रावण का सेट भी अयोध्या के सेट की तरह बहुत ही भव्य स्तर पर बना है। कला निर्देशक उमंग कुमार की मेहनत भी इसमें दिखती है। इसी सेट पर रावण बने निकितन धीर की एंट्री भी भव्य तरीके से हुई। लेकिन, बातचीत के दौरान निकितन धीर ने जो कहा, वह उनके व्यक्तित्व में दिखा नहीं। निकितन कहते हैं, ‘रावण बहुत बड़े ज्ञानी थे। उनसे बड़ा विद्वान और पंडित न युगों से कोई हुआ और न होगा।’ लेकिन, निकितन धीर के चेहरे पर यह पांडित्य दिखा नहीं।
अनमने मन से दशरथ की भूमिका निभा रहे आरव
अभिनेता आरव चौधरी धारावाहिक ‘श्रीमद रामायण’ में दशरथ की भूमिका निभा रहे हैं। वह कहते हैं, ‘सिद्धार्थ तिवारी के धारावाहिक ‘महाभारत’ में पहले मैं भीष्म का किरदार निभा चुका हूं। जब इस शो का ऑफर आया तो मुझे लगा कि दशरथ की भूमिका में करने लायक कुछ नहीं होगा। ‘महाभारत’ में शुरू के एपिसोड से लेकर अंतिम एपिसोड तक मेरी भूमिका रही है। उस हिसाब से देखा जाए तो दशरथ की भूमिका बहुत छोटी लग रही थी।’ इस धारावाहिक की शुरुआत ही दशरथ के किरदार से होती है। फिर, उनका नाम दशरथ क्यों पड़ा और वह कितने बड़े योद्धा थे, कौन कौन सी लड़ाई उन्होंने लड़ीं? ये सब इस धारावाहिक में दिखया गया है।’
दारा सिंह के नक्शे कदम वाधवा
धारावाहिक ‘संकट मोचन महाबली हनुमान’ में हनुमान की भूमिका निभा चुके अभिनेता निर्भय वाधवा एक बार फिर धारावाहिक ‘श्रीमद रामायण’ में हनुमान की भूमिका निभा रहे हैं। वह कहते हैं, ‘मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे महाबली हनुमान की भूमिका फिर निभाने का मौका मिला है। हनुमान के किरदार में हर बारीक से बारीक पहलुओं का ध्यान रखा गया है। मसलन, हनुमान जी के मुकुट में रुद्राक्ष लगा हुआ है क्योंकि वह रुद्र के अवतार हैं। इस किरदार को निभाना मेरे लिए बहुत ही चैलेंजिंग है क्यों वह अपने भावों को आंखों से व्यक्त करते हैं। ये बात मैंने हनुमान का कालजयी किरदार निभाने वाले अभिनेता दारा सिंह से सीखी है।’
नाम श्रीमद रामायण क्यों?
श्रीमद् नाम का उल्लेख द्वापर युग में मिलता है। रामायण की कहानी त्रेता युग की है जिस युग में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। उस युग में श्रीमद् शब्द का प्रचलन नहीं था। इस बारे में शो के निर्माता सिद्धार्थ तिवारी कहते हैं, ‘इससे एक भाव उत्पन्न होता है। हम भगवान की कहानी कह रहे हैं। इससे प्रभु श्रीराम के प्रति एक भावनात्मक भाव उत्पन्न होता है। जब हम ‘श्रीमद रामायण’ कहें तो लोगों को लगे कि भगवान की कहानी कह रहे हैं। हमने इसे ऐसा कहा है कि ‘काटे मद, श्री से मिला दे, श्रीमद रामायण।’