WC: रोहित के द्रविड़ के लिए ट्रॉफी जीतने वाले बयान से गंभीर नाराज, कहा- 2011 में सब सचिन का नाम ले रहे थे तो..

नईदिल्ली : भारत के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर अपने आक्रामक बयान के लिए इन दिनों काफी चर्चा में रहते हैं। उन्होंने अब भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा को अपने निशाने पर लिया है। रोहित ने विश्व कप फाइनल से पहले कहा था कि टीम कोच राहुल द्रविड़ के लिए विश्व कप जीतना चाहती है। द्रविड़ 2003 में फाइनल हारने वाली टीम के सदस्य थे। इसके बाद उनकी कप्तानी में टीम इंडिया 2007 विश्व कप के पहले दौर में ही बाहर हो गई थी। ऐसे में रोहित शर्मा अपने सपने के साथ-साथ उनके सपने भी पूरा करना चाहते थे।

रोहित ने फाइनल से पहले द्रविड़ की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि वह और बाकी खिलाड़ी कोच के लिए विश्व कप जीतना चाहते हैं। हिटमैन के इस बयान से गौतम गंभीर काफी नाराज हुए और उन्होंने रोहित की जमकर आलोचना की है। 2011 विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे गंभीर ने कहा कि हर खिलाड़ी और कोच विश्व कप जीतना चाहता है, लेकिन सबको पहले किसी व्यक्ति से पहले देश के लिए विश्व कप जीतना चाहिए। 2011 में सभी सचिन तेंदुलकर का नाम ले रहे थे, लेकिन उन्होंने देश का नाम लिया था।

गंभीर ने क्या-क्या कहा?
रोहित के बयान पर गंभीर ने एक इंटरव्यू में कहा, ”सभी विश्व कप जीतना चाहते हैं, लेकिन मुझे अब तक यह समझ नहीं आया है कि हर बार लोग ऐसा क्यों बोलते हैं। 2011 में भी ऐसा हुआ था। जब आप यह बात कहते हैं कि आप किसी खास आदमी के लिए विश्व कप जीतना चाहते हैं तो यह गलत है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह आदमी कौन है।”

गंभीर ने आगे कहा, ”आप अपने देश के लिए विश्व कप जीतने की कोशिश करते हैं। अगर आप किसी खास आदमी के लिए कुछ महसूस करते हैं तो उसे सार्वजनिक रूप से नहीं बोलें। किसी के लिए भी देश के लिए विश्व कप जीतना काफी अहम है। 2011 में मुझसे भी ऐसा ही सवाल किया गया था तब मैंने कहा था कि मैं देश के लिए विश्व कप जीतना चाहता हूं। मैं हमेशा देश के लिए बल्लेबाजी करता हूं।”

दूसरी बार फाइनल में हारा भारत
भारतीय टीम विश्व कप के फाइनल में दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया से हारी थी। इससे पहले 2003 में भी टीम इंडिया को कंगारूओं के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। ऑस्ट्रेलिया ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में छह विकेट से मैच को जीतकर छठी बार विश्व कप जीत लिया। इससे पहले वह 1987, 1999, 2003, 2007 और 2015 में जीता था। वहीं, भारत 1983 और 2011 में चैंपियन बना था।