रायपुर: अस्पताल की तीसरी मंजिल से लगा दी छलांग,हार्ट ब्लॉकेज की बात सुनकर घबराहट में दी जान; अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

रायपुर। राजधानी में राजेंद्र नगर स्थित श्री अनंत साईं अस्पताल की तीसरी मंजिल से एक व्यक्ति ने छलांग लगा दी जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। छलांग लगाते वक्त किसी ने मोबाइल से वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि पहले तो वो खिड़की में कुछ देर तक बैठा रहा इसके बाद कूद गया। घटना 23 नवंबर की बताई जा रही है।

इलाज कराने आए व्यक्ति ने अस्पताल की तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर दी जान। - Dainik Bhaskar

इलाज कराने आए व्यक्ति ने अस्पताल की तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर दी जान।

जानकारी के मुताबिक बहादुर बरिया (43 वर्ष) कंधे की हड्डी से जुड़ी परेशानी लेकर ओडिशा से रायपुर के राजेंद्र नगर स्थित श्री अनंत साईं अस्पताल इलाज करवाने आया था। इस दौरान हॉस्पिटल ने उसे हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या बताई। इस बात से वो काफी घबरा गया था। मृतक के परिजन ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजा देने की मांग की है

राजेन्द्र नगर थाना प्रभारी अर्चना धुरंधर ने बताया कि ये घटना 23 नवंबर की है। 43 वर्षीय बहादुर बरिया ओडिशा के बरगढ़ का रहने वाला था। वो ऑर्थो के इलाज के लिए 16 नवंबर से अस्पताल में भर्ती था। डॉक्टरों ने डायग्नोसिस करने के बाद बताया कि उसके हार्ट में ब्लॉकेज है। इस बात से वो बेहद डर गया। घबराहट में उसने बिल्डिंग से कूदकर अपनी जान दे दी।

घटना के दौरान अंदर खिड़की पर मौजूद एक युवक ने उसे रोकने की भी कोशिश की। लेकिन वो उससे कुछ बात करने के बाद नीचे कूद गया। इस दौरान नीचे सड़क पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। मौके पर मौजूद कुछ युवक मोबाइल से वीडियो बनाने लग गए। युवक ने जब छलांग लगाई, तो वो सिर के बल गिरा। घटना में सिर बुरी तरह फट गया और चंद पलों में ही उसकी मौत हो गई।

मृतक बहादुर बरिया के भतीजे चैतन्य बरिया ने बताया कि उसे कंधे की हड्डी से जुड़ी परेशानी थी। इसी के इलाज के लिए वो अस्पताल में भर्ती हुआ था। इसी दौरान 23 नवंबर को वो वॉशरूम जाने के लिए उठा था। इसके बाद खिड़की से कूदकर अपनी जान दे दी। चैतन्य ने आरोप लगाया कि इसमें अस्पताल की गलती है, उन्हें देखना चाहिए था।

भतीजे चैतन्य ने बताया कि बहादुर का 6 लोगों का परिवार है। उसके ऊपर पत्नी, 4 बेटियो और 1 बेटे की जिम्मेदारी थी। वो वेल्डिंग मिस्त्री का काम करता था। उसकी मौत के बाद परिवार चलाने वाला कोई नहीं है। परिजन अस्पताल प्रबंधन से मुआवजे की मांग भी कर रहे हैं।