दगाबाज यार, बेवफा बीवी: दोनों ने मिलकर की हत्या…दुबई में रची गई थी साजिश, NRI सुखजीत हत्याकांड की पूरी कहानी

Wife Ramandeep Kaur and her lover Mittu found guilty in murder of NRI Sukhjit Singh of Shahjahanpur

शाहजहांपुर। एनआरआई सुखजीत सिंह उर्फ सोनू की हत्या में कोर्ट ने पत्नी रमनदीप कौर और उसके प्रेमी मिट्ठू को दोषी माना है। सजा कितनी होगी, यह तय होना बाकी है। बचपन के दोस्त मिट्ठू ने सुखजीत की पत्नी को न सिर्फ वेबफाई के लिए उकसाया, बल्कि दुबई से भारत आकर दोस्त को मौत के घाट भी उतार दिया था। बंडा के बसंतापुर के मूल निवासी सुखजीत सिंह इंग्लैंड में रहते थे। जुलाई 2016 में परिवार के साथ भारत आए थे। अपने फार्म हाउस पर रुके थे।

हत्या की वारदात एक सितंबर 2016 को हुई। दो सितंबर की सुबह सुखजीत सिंह की ब्रिटिश पत्नी रमनदीप के शोर से परिजनों की आंख खुली तो सुखजीत सिंह की रक्तरंजित लाश देखकर होश उड़ गए। कुछ ही देर में मौके पर आसपास के लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। शानदार कोठी के दूसरी मंजिल पर बने कमरे में सुखजीत का शव पड़ा था। उनका गला काटा गया था।

रमनदीप ने पुलिस को बताया था कि वह अलग कमरे में सो रहे थे। सुबह उसे हत्या की जानकारी हो सकी है। सुखजीत के घर दो खतरनाक कुत्ते भी पले थे, जो बेहद अलसाई स्थिति में मिले थे। रमनदीप कौर पति की मौत से गमजदा होने के स्थान पर पुलिस और लोगों का वीडियो बनाती रही। सुखजीत की किसी से रंजिश की बात भी सामने नहीं आई थी, इससे पुलिस का शक रमनदीप पर हो गया था।

पुलिस को जानकारी मिली थी कि सुखजीत का दोस्त मिट्ठू भी दुबई से भारत आया था। मिट्ठू गायब था। रमनदीप ने पुलिस को बताया कि मिट्ठू वापस दुबई चला गया है। सर्विलांस की मदद से जानकारी मिली कि घटना की रात मिट्ठू बंडा थाना क्षेत्र के बसंतापुर में ही था।

इसके बाद पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद लेकर मिट्ठू को दुबई जाने का प्रयास करते समय एयरपोर्ट से गिरफ्तार करा लिया था। मिट्ठू के गिरफ्तार होते ही सुखजीत की हत्या की राज खुल गया। मिट्ठू ने बताया कि वह और सुखजीत की पत्नी रमनदीप कौर एक दूसरे से प्यार करते हैं और दोनों ने मिलकर सुखजीत को रास्ते से हटाया है। इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया था।

एक साथ पढ़े थे मिट्ठू और सुखजीत
मिट्ठू कपूरथला (पंजाब) जिले की तहसील सुल्तानपुर लोधी के गांव जैनपुर का रहने वाला है। सुखजीत और मिट्ठू जालंधर के स्कूल में साथ पढ़े थे। दोनों गहरे दोस्त थे। सुखजीत सिंह की मां वंश कौर ने सुखजीत को बहन कुलविंदर कौर के पास इंग्लैंड के डर्बीशायर भेज दिया था। सुखजीत वहां टैंकर चलाने लगा। इस दौरान उसका रमनदीप कौर से प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। रमनदीप के परिजन शादी के खिलाफ थे, लेकिन रमनदीप ने सुखजीत से शादी कर ली। शादी के बाद दोनों एक वर्ष तक बसंतापुर आकर रहे और बाद में फिर से इंग्लैंड चले गए।

उधर, मिट्ठू दुबई जाकर काम करने लगा। मिट्ठू की शादी नहीं हुई थी। मिट्ठू और सुखजीत के बीच बातचीत के दौरान रमदीन कौर की भी मिट्ठू से मोबाइल पर बात होने लगी और सोशल साइट्स पर चैटिंग होने लगी। इसके बाद मिट्ठू जब भी इंग्लैंड जाता या सुखजीत दुबई जाता तो दोनों एक-दूसरे के यहां ही रुकते थे। इसी बीच मिट्ठू और रमनदीप कौर में करीबी हो गई। दुबई में ही सुखजीत की हत्या का प्लान तैयार किया गया था।

योजना के तहत जुलाई के पहले सप्ताह में रमनदीप कौर पति के साथ मिट्ठू के पास दुबई पहुंची। वहां वह लोग 15 दिन तक रहे। 28 जुलाई को सुखजीत और रमनदीप कौर बच्चों के साथ बसंतापुर आए थे। मिट्ठू भी साथ आया था। इसके बाद सभी लोग देश के विभिन्न जगहों पर घूमते रहे। 15 अगस्त को सभी लोग बसंतापुर पहुंचे थे।

31 अगस्त को मिट्ठू दुबई जाने की बात कहकर चला गया था। सुखजीत और रमनदीप कौर उसे अमृतसर एयरपोर्ट तक छोड़ने भी गए थे। वापसी में रमनदीप ने सुखजीत पर धारदार हथियार से हमला कर मारने का प्रयास किया लेकिन सफल न होने पर मिट्ठू को सूचना दी। 

सुखजीत ने बदनामी के डर से शीशे से चोट लगने की बात कहते हुए इलाज कराया था। बाद में मिट्ठू दुबई न जाकर वापस आ गया और रमनदीप ने एक सितंबर 2016 की शाम परिजनों और कुत्तों को नशे की गोलियां दे दी। रात में सुखजीत की हत्या कर दी गई थी।

जहां का कानून माना लचर, वहीं हुई सजा
रमनदीप कौर और मिट्ठू से पुलिस ने यह पूछा था कि सुखजीत की हत्या दुबई या इंग्लैंड में क्यों नहीं की? इस पर उनका जवाब था कि उनकी समझ में भारत में कानून लचर था। हत्या के बाद मिट्ठू दुबई और रमनदीप इंग्लैंड चली जाती और कानून के शिकंजे से बच जाते। लेकिन भारत आकर पुलिस और कानून व्यवस्था पर उनकी सोच गलत साबित हुई और दोनों को न सिर्फ अगले ही दिन पकड़ लिया गया, बल्कि कानून पर उनका अंदाजा गलत साबित करते हुए पुलिस, सरकारी वकील ने मिलकर सबूत और तर्क कोर्ट में रखे, जिससे दोनों को दोषी करार दिया गया।