छत्तीसगढ़: कोल घोटाला केस में विधायक देवेंद्र यादव और चंद्रदेव राय को बनाया गया आरोपी, रानू साहू के खिलाफ चार्जशीट पेश

तस्वीर तब की है जब देवेंद्र को पूछताछ के लिए ED दफ्तर बुलाया गया था। - Dainik Bhaskar

रायपुर। कोल घोटाला केस में 2 कांग्रेस विधायकों का नाम भी सामने आया है। शुक्रवार को विधायक देवेंद्र यादव और चंद्रदेव राय को चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है। साथ ही रायपुर की अदालत में रानू साहू के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई। 280 पेज की शिकायत के साथ ही 5456 पेज के दस्तावेज अदालत में जमा किए गए हैं।

ED ने दावा किया है कि कोल मामले में वसूली अधिकारियों और नेताओं ने मिलकर की। इसके अलावा शुक्रवार को ही बिलासपुर हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई। वहां ED ने कोल मामले की जांच भी CBI से करवाने की मांग रखी है।

पिटिशन पर एक हफ्ते बाद सुनवाई

ED ने CBI जांच की मांग को लेकर पिटिशन दायर की है। इस पिटिशन पर सप्ताह भर बाद सुनवाई हो सकती है। इससे पहले पिछले सप्ताह ED ने शराब घोटाला मामले में भी इसी तरह हाईकोर्ट से CBI जांच कराने की मांग की थी।

IAS समीर विश्नोई इस मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।

IAS समीर विश्नोई इस मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।

रायपुर अदालत में ED ने निलंबित आईएएस अफसर रानू साहू के खिलाफ शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में चार्जशीट पेश की। ईडी के अधिवक्ता डॉ सौरभ पांडे ने बताया कि प्रोसिक्यूशन कम्प्लेंट में निलंबित IAS रानू के अलावा कुल 11 लोगो को आरोपी बनाया गया है जिसमें भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और बिलाइगढ़ विधायक चंद्रदेवराय को भी आरोपी बनाया गया है।

550 करोड़ रूपए के कोल घोटाले में ईडी ने निलंबित आईएएस रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत 6 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल में है।

चंद्रदेव राय को भी आरोपी बनाया गया है।

चंद्रदेव राय को भी आरोपी बनाया गया है।

क्या है कोयला घोटाला

JLD यवतमाल कंपनी को छत्तीसगढ़ में फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था। यह आवंटन कंपनी के मालिक की सिफारिश पर हुआ था।

विपक्षी दलों ने मामले में अनियमितताओं का आरोप लगाया, जिसके बाद सीबीआई को इसकी जांच सौंप दी गई। एजेंसी के मुताबिक, JLD यवतमाल समूह की कंपनियों को साल 1995 से 2005 के बीच चार कोल ब्लॉक आवंटन की बात छिपाई गई थी। इससे कोल ब्लॉक आवंटन में अनियमितता हुई थी।