रायपुर। उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ का समापन हो गया। पारण के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास खत्म हो गया। छत्तीसगढ़ के घाटों पर तड़के से छठ व्रतियां पहुंचने लगीं थीं। व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। एक दूसरे को छठी मैया का प्रसाद खिलाकर व्रत खोला।
छत्तीसगढ़ में खासतौर पर रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई, राजनांदगांव, रायगढ़ और अंबिकापुर में पर्व का खासा उत्साह दिखा। घाटों पर भक्तिमय माहौल दिखा, छठी मैया के गीत गूंज रहे हैं, लोगों ने एक दूसरे को प्रसाद बांटा। इससे पहले, महापर्व के तीसरे दिन यानी गुरुवार को व्रतियों ने अस्ताचलगामी (डूबते हुए) सूर्य को अर्घ्य दिया।
कोरबा के मुख्य छठ घाटों पर उगते सूरज को अर्घ्य देने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
इस दौरान एसईसीएल मानिकपुर छठ घाट, एसईसीएल शिव मंदिर छठ घाट, मुड़ापार तालाब छठ घाट में लोगों की सुबह से ही छठ व्रती और कई संगठन के लोग नजर आए।