
नई दिल्ली। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर एक बार फिर से भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता बनने की दौड़ में शामिल हैं। अगरकर ने गुरुवार को आईपीएल की टीम दिल्ली कैपिटल्स से खुद को अलग कर लिया। वह टीम के साथ सहायक कोच के तौर पर जुड़े थे। पद छोड़ने की खबर से यह साफ हो गया कि वह वेस्टइंडीज के आगामी दौरे के लिए टी-20 टीम चुनते समय मुख्य चयनकर्ता हो सकते हैं।
दिल्ली कैपिटल्स ने इसकी पुष्टि की कि अगरकर और शेन वॉटसन अब सहयोगी स्टाफ का हिस्सा नहीं हैं। टीम ने ट्वीट किया , ”आपके लिए यह हमेशा घर रहेगा। धन्यवाद अजित और वाट्टो (वॉटसन)। भविष्य के लिए शुभकामनाएं।” अगरकर 2021 में भी चयनकर्ता के पद के लिए इंटरव्यू दे चुके हैं, जब उत्तर क्षेत्र से चेतन शर्मा समिति के अध्यक्ष बने थे।

अजीत अगरकर – फोटो : सोशल मीडिया
बीसीसीआई को सलाना वेतन में करनी होगी बढ़ोतरी
अगरकर का नाम दौड़ में होने से बीसीसीआई को चयन समिति के प्रमुख का सालाना वेतन एक करोड़ से बढ़ाना होगा जबकि बाकी सदस्यों का वेतन भी 90 लाख से अधिक करना होगा। दिल्ली कैपिटल्स के सहायक कोच और कमेंटेटर अगरकर मुख्य चयनकर्ता के सालाना पैकेज से अधिक कमाते हैं और यही कारण है कि बीसीसीआई को मौजूदा वेतनमान की समीक्षा करनी पड़ेगी।
अगरकर 2021 में क्यों नहीं बने थे मुख्य चयनकर्ता?
दिवंगत रमाकांत आचरेकर के शिष्य रहे 45 वर्ष के अगरकर 191 वनडे, 26 टेस्ट और चार टी-20 मैच खेल चुके हैं। माना जाता है कि 2021 में मुंबई क्रिकेट संघ को अगरकर की दावेदारी से समस्या थी और यही वजह है कि उन्हें मुख्य चयनकर्ता के रूप में नहीं चुना गया था। इसके अलावा उन्हें चुनने पर चेतन शर्मा अध्यक्ष नहीं बनते जिन्हें बोर्ड के एकवर्ग का समर्थन हासिल था।

अजीत अगरकर
वेंगसरकर और शास्त्री के नाम की भी अटकलें
एमसीए के मौजूदा पदाधिकारियों को अब दिक्कत नहीं है क्योंकि उनके पास सलिल अंकोला हैं। दिलीप वेंगसरकर और रवि शास्त्री के नाम की भी अटकलें लगाई जा रही है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने आवेदन किया है या नहीं । वेंगसरकर 2005 से 2008 तक अध्यक्ष रह चुके हैं और अधिकतम कार्यकाल चार साल का होता है यानी उनके पास एक ही साल बचा है।