बिलासपुर।प्रदेश की एकमात्र सबसे तेज चलने वाली वंदेभारत ट्रेन को बंद कर तेजस के रैक से चलाने का फैसला रेलवे ने 24 घंटे के भीतर ही बदल दिया है। रेलवे ने आनन-फानन में इस ट्रेन को बुधवार से अपने स्पेशल कोच के साथ चलाने की व्यवस्था की है। हालांकि, अब इस ट्रेन में कोच की संख्या कम कर दी गई है।
रेलवे ने बिलासपुर-नागपुर के बीच चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस के रैक को तेजस से एक्सचेंज कर दिया था। अफसरों ने बताया था कि इस तेजस रैक में दो एग्जीक्यूटिव क्लास के कोच, सात चेयरकार के कोच और दो पावर कार समेत 11 कोच रहेंगे। यह व्यवस्था बीते रविवार से सिकंदराबाद – तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 20701 / 20702 की रैक मिलने तक अस्थायी रूप से चलाने की बात कही थी। यह भी कहा गया कि रैक को एक्सचेंज करने में कुछ दिनों का समय लग सकता है।
वंदेभारत एक्सप्रेस को यात्री कम मिलने के साथ ही कोयला लदान प्रभावित होने के कारण बंद करने की तैयारी चल रही थी। अब तक इसकी औसतन 65% सीटें ही भर पा रही थीं, जिसमें भी ज्यादातर यात्री रेलवे के ही हैं। लोग इसकी जगह दूसरी ट्रेनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। सुनियोजित तरीके से रेलवे ने वंदेभारत को बंद करने के बाद बिलासपुर-नागपुर तेजस एक्सप्रेस शुरू कर दी थी। इसके टिकट का रेट भी वंदेभारत से थोड़ा ही कम होने का दावा किया गया था।
रेलवे के अचानक लिए गए इस फैसले से मोदी सरकार की काफी किरकिरी होने लगी थी। क्योंकि, कांग्रेस ने वंदेभारत ट्रेन शुरू होने पर ही ऐतराज जताया था और महंगी टिकट को लेकर इसे आम लोगों की पहुंच से दूर बताया था। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने इसे छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक फैसला बताते हुए खूब वाहवाही भी लूटी थी। केंद्र सरकार की किरकिरी होते देखकर रेलवे मंत्रालय ने वंदेभारत को तत्काल शुरू करने का फरमान जारी कर दिया।
रविवार से लेकर मंगलवार तक तेजस एक्सप्रेस चलाने के बाद रेलवे ने अब फिर से बिलासपुर-नागपुर वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 20825/20826 का नियमित परिचालन करने का आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि वंदेभारत एक्सप्रेस के ही नए रैक के साथ 17 मई से चलाई जाएगी। इस वंदेभारत के नए रैक में एक एग्जीक्यूटिव क्लास के कोच और चेयर कार के सात कोच रहेंगे।
वंदेभारत ट्रेन जब शुरू हुई, तब इस ट्रेन में 16 कोच लगाए थे, जिनमें 14 चेयर कार और 2 एग्जीक्यूटिव चेयर कार शामिल थे और कुल बैठने की क्षमता 1128 थी। लेकिन, अब रेलवे ने इसके कोच को कम कर दिया है।