जगदलपुर। बालाघाट में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो महिला माओवादियों को ढेर किया गया है। दोनों महिला माओवादी छत्तीसगढ़ के बस्तर की रहने वाली थीं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बॉर्डर इलाके में सक्रिय थीं। इन पर कुल 28 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
इन दोनों महिला माओवादियों पर छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से 5 लाख, महाराष्ट्र सरकार ने 6 और मध्य प्रदेश सरकार ने 3 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। दोनों माओवादी ACM (एरिया कमेटी मेंबर) के रूप में सक्रिय थी। दोनों 14-14 लाख रुपए की हार्डकोर इनामी नक्सली थी।
दरअसल, इनमें से एक मृत महिला नक्सली का नाम सुनीता उर्फ सोमड़ी मंडावी है। जो सुकमा जिले के जगरगुंडा की रहने वाली थी। सुनीता सिर्फ छ्त्तीसगढ़ में ही 5 से ज्यादा बड़ी वारदातों में शामिल थी। बताया जा रहा है कि, कई साल पहले ये नक्सलियों के दल में शामिल हुई थी। जिसके बाद इसकी फुर्ती देखकर नक्सली इसे अलग-अलग इलाकों की जिम्मेदारी दिए थे। वर्तमान में यह एरिया कमांडर के रूप में सक्रिय थी। MP, CG और महाराष्ट्र में उत्पात मचा रही थी।
दूसरी मृत महिला नक्सली का नाम सरिता उर्फ बिज्जे है। बिज्जे भी सुकमा जिले के चिंतलनार इलाके की रहने वाली थी। सुनीता और बिज्जे ने लगभग एक ही समय में नक्सल संगठन जॉइन किया था। दोनों नक्सली हार्डकोर नक्सली कमांडर हिड़मा के क्षेत्र की ही रहने वाली थी। सरिता को भी बड़े नक्सल लीडर्स ने बालाघाट एरिया में नक्सल संगठन को मजबूती देने कर लिए भेजा था। सरिता छ्त्तीसगढ़ में सिर्फ 2 घटनाओं में ही शामिल रही है।
मौके से हथियार भी बरामद किया गया है।