अंबिकापुर। जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र में एक निर्दयी पिता ने अपनी 10 घंटे की नवजात बेटी को प्लास्टिक के झोले में बांधकर सोमवार की रात कुएं में फेंक दिया। इससे नवजात की मौत हो गई। मंगलवार की सुबह पानी भरने पहुंचे लोगों की नजर प्लास्टिक के झोले पर पड़ी, तो आरोपी भी वहां पहुंच गया। इसके बाद उसने कुएं से मृत नवजात को निकालकर बगल में गड्ढा खोदा और उसे वहां दफना दिया। सूचना मिलने पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक, उदयपुर थाना क्षेत्र के ग्राम झिरमिटी धौरापारा निवासी यशवंत पुरी की 35 वर्षीय पत्नी रंगीला ने सोमवार की दोपहर बेटी को जन्म दिया। रात करीब 10-11 बजे के बीच जब पत्नी सो रही थी, तब यशवंत ने नवजात बेटी को गोद में लिया और उसे प्लास्टिक के एक झोले में बांध दिया। इसके बाद वह घर के बगल में स्थित मिट्टी के खुले कुएं के पास पहुंचा और जिंदा बेटी को उसमें फेंक दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद आरोपी पिता घर में आराम से आकर सो गया।
मां की नींद खुली, तो उसने बच्ची को ढूंढा, उसे बेटी कहीं नहीं मिली, तो उसने अपने पति से भी इस बारे में पूछा, तो उसने भी कुछ भी पता होने से इनकार कर दिया।
मंगलवार की सुबह गांव के ही लोग जब कुएं में पानी भरने आए, तो वे झोले में बंधी लाश देखकर ठिठक गए। वे जब नवजात के संबंध में बात करने लगे, तो आरोपी यशवंत भी वहां आ पहुंचा। उसने मृत बेटी को कुएं से बाहर निकाला और बगल में ही गड्ढा खोदकर उसे दफन कर दिया।
बताया जा रहा है कि आरोपी पिता ने जिस नवजात बेटी को मार डाला, वह उसकी चौथी संतान थी। ग्रामीणों ने बताया कि यशवंत के पहले से ही 2 बेटे और एक बेटी हैं। इस बार भी बेटी ने जन्म लिया था। पुलिस मामले में यह जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर आरोपी पिता ने उसे क्यों मार डाला। हालांकि ये बात सामने आ रही है कि आरोपी बेटी नहीं चाहता था, लेकिन बेटी हो जाने से वो नाराज था।
घटना की सूचना गांव वालों ने उदयपुर थाने में दी। सूचना मिलते ही उपनिरीक्षक समरेंद्र सिंह, प्रधान आरक्षक शत्रुघन सिंह, डॉ प्रीति पैंकरा, डॉ नेहा भगत, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार एजाज हाशमी और फॉरेंसिक एक्सपर्ट कुलदीप कुजूर घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने नवजात का शव गड्ढे से बाहर निकलवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भिजवाया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है।