छत्तीसगढ़ः प्रदेश कांग्रेस में बदलाव की अटकलें, मोहन मरकाम को छोड़ सभी दिग्गज नेता दिल्ली में; खड़गे ले सकते हैं बैठक

रायपुर।प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता एक बार फिर से दिल्ली दरबार में हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को ही सूरत से दिल्ली रवाना हुए और इस वक्त वे दिल्ली में ही हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत भी दिल्ली गए हैं। नेताओं के इस दौरे को लेकर फिर से कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में कांग्रेस संगठन में बदलाव हो सकता है।

जबकि पीसीसी चीफ मोहन मरकाम दिल्ली नहीं गए हैं। मरकाम ने नेताओं के दिल्ली दौरे को लेकर कहा है कि जब दिल्ली से वरिष्ठ नेताओं का बुलावा आएगा,तब ही वे जाएंगे। मरकाम इस समय अपने विधानसभा क्षेत्र कोंडागांव में ही हैं।

विधानसभा चुनाव के लिए केवल 7 महीने का वक्त बाकी है और चुनाव से पहले ही दिग्गज नेताओं के दिल्ली बुलावे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इन नेताओं की बैठक ले सकते हैं और बैठक कई महत्वपूर्ण मसलों को लेकर होगी। जो आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ कांग्रेस का भविष्य तय करेगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बीते दिनों जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर लौटे थे। तब भी लगातार यह कहा जा रहा था कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में चुनाव से पहले बड़ा बदलाव हो सकता है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के बदले जाने की चर्चाएं चल रही थी। क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का कार्यकाल पिछले साल ही खत्म हो गया है और इसलिए अध्यक्ष पद पर बदलाव की ज्यादा बातें सामने आ रही थी।

मरकाम की जगह मंत्री अमरजीत भगत और सांसद दीपक बैज के नाम सामने आ रहा था। हालांकि इस दौरान मोहन मरकाम के भी तीखे तेवर अपनी ही सरकार के लिए विधानसभा के बजट सत्र में दिखाई दिए और इसके बाद बदलाव की चर्चा थम सी गयी। लेकिन एक बार फिर जब कांग्रेस के दिग्गज दिल्ली में हैं, तब सियासी गलियारों में इस तरह की चर्चाएं फिर शुरू हो गयी है।

कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बड़े नेताओं के इस दौरे को सामान्य सांगठनिक गतिविधियों का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव को लेकर रणनीति तय होगी। साथ ही जय भारत सत्याग्रह और कर्नाटक चुनाव में छत्तीसगढ़ के नेताओं की भूमिका तय करने के लिए नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है।