अदाणी मामले में खुलासों से भूचाल लाने वाले हिंडनबर्ग का दावा- आने वाली है एक और ‘बड़ी रिपोर्ट’

हिंडनबर्ग रिसर्च।

सैन फ्रांसिस्को। शेयर बाजार में अपनी रिपोर्ट्स के जरिए भूचाल लाने के लिए लोकप्रिय हिंडनबर्ग रिसर्च ने अब एक और ‘बड़ी रिपोर्ट’ जल्द लाने की बात कही है। शॉर्ट सेलिंग फर्म ने एक ट्वीट में कहा कि जल्द ही एक बड़ी रिपोर्ट आ रही है। गौरतलब है कि हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट के चलते भारतीय अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी को शेयर बाजार में भारी नुकसान हुआ था। इतना ही नहीं अदाणी की कई कंपनियां सेबी की निगरानी में भी रही थीं। 

क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च? 
हिंडनबर्ग रिसर्च एक वित्तीय शोध करने वाली कंपनी है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का विश्लेषण करती है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की है। हिंडनबर्ग रिसर्च हेज फंड का कारोबार भी करती है। इसे कॉरपोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए जाना जाता है। इस कंपनी का नाम हिंडनबर्ग आपदा पर आधारित है जो 1937 में हुई थी, जब एक जर्मन यात्री हवाई पोत में आग लग गई थी, जिसमें 35 लोग मारे गए थे। 

कंपनी यह पता लगती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेरा-फेरी तो नहीं हो रही है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो खुद को बड़ा नहीं दिखा रही है? क्या कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही? 

पहले किन रिपोर्ट्स को लेकर चर्चा में रहा हिंडनबर्ग? 
अदाणी समूह कोई पहला नहीं है जिसपर अमेरिकी फर्म ने रिपोर्ट जारी की है। इससे पहले इसने अमेरिका, कनाडा और चीन की करीब 18 कंपनियों को लेकर अलग अलग रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके बाद काफी घमसान मचा। ज्यादातर कंपनियां अमेरिका की ही थीं, जिनपर अलग-अलग आरोप लगे।  

हिंडनबर्ग की सबसे चर्चित रिपोर्ट अमेरिका की ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनी निकोला को लेकर रही। इस रिपोर्ट के बाद निकोला के शेयर 80 फीसदी तक टूट गए थे। निकोला को लेकर जारी रिपोर्ट में व्हिसलब्लोअर और पूर्व कर्मचारियों की मदद से कथित फर्जीवाड़े को उजागर किया गया था। निकोला के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष ट्रेवर मिल्टन ने तुरंत कंपनी से इस्तीफा दे दिया। रिपोर्ट के बाद कंपनी जांच के दायरे में है।