रायपुर। प्रदेश के अनियमित कर्मचारी 12 मार्च को राजधानी में आंदोलन करेंगे। नियमितीकरण को लेकर निराशा हाथ लगने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों के अनियमित कर्मचारी राजधानी में जुट रहे हैं। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार के बजट से कर्मचारियों को बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन निराशा हाथ लगी है।
पूर्व प्रमुख सचिव और भाजपा नेता गणेश शंकर मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस कर्मचारियों को नियमित करने का वादा करके सत्ता में आई। इसके बाद कर्मचारियों को ठगने का काम किया। विभागीय समितियां बनाना, जानकारी मंगाना ये सब बहानेबाजी के सिवाय और कुछ नहीं है। कांग्रेस ने कर्मचारियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। सरकार को तत्काल वादा पूरा करना चाहिए।
सबसे बड़ी वादाखिलाफी
अनियमित कर्मचारी महासंघ के संरक्षक गोपाल प्रसाद साहू तथा कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा कि 10 दिन में नियमितीकरण का वादा करने वाली सरकार ने सबसे बड़ी वादाखिलाफी की है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में अनियमित कर्मचारियों के संबंध में कोई घोषणा न कर उनके साथ छलावा किया। मुख्यमंत्री का सदन में यह कहना कि 24 विभागों की जानकारी आई है। 28 विभाग की जानकारी नहीं आई है। यह लाखों अनियमित कर्मचारियों के साथ धोखा है।
बजट से लाखों कर्मचारियों को थी उम्मीद
छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि इस अंतिम बजट में प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारियों, संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर के कर्मचारी के नियमितीकरण, पृथक कर्मचारियों की बहाली, अंशकालीन कर्मचारियों की पूर्णकालीन करने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ। अब 12 मार्च को नवा रायपुर स्थित नए धरना स्थल पर हल्ला बोल में हजारों अनियमित कर्मचारी शामिल होंगे।
जो अधिकारी जानकारी नहीं दे रहे, उन पर कार्रवाई हो
सर्व विभाग संविदा कर्मचारी महासंघ के हेमंत सिन्हा ने कहा- कर्मचारियों की 22 विभागों से जानकारी नहीं मिलना प्रशासनिक अधिकारियों की प्रशासनिक अक्षमता को प्रदर्शित करने जैसा है । लगातार लगभग हर विधानसभा सत्र में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण से संबंधित प्रश्न उठता रहा है और हर बार मंत्रियों के द्वारा सिर्फ जानकारी नहीं मिलना बताया गया है।