रायपुरः राहुल बोले- ‘यात्रा’ से मिला बहुत प्यार, 52 साल से मेरा घर नहीं, कश्मीर पहुंच लगा अपना

रायपुर।छत्तीसगढ़ के रायपुर में चल रहे कांग्रेस के तीन दिवसीय महाअधिवेशन का रविवार को आखिरी दिन है। राहुल गांधी ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मैं देश के सभी तबके से मिला। इसदौरान मैने भारत जोड़ो यात्रा से बहुत कुछ सीखा। उन्होंने कहा कि ‘यात्रा’ से मुझे बहुत प्यार मिला, 52 साल से मेरा घर नहीं, लेकिन जब कश्मीर पहुंचा तो अपने घर जैसा लगा।रविवार को अधिवेशन की शुरुआत प्रियंका गांधी की स्पीच के साथ हुई। इसके बाद राहुल गांधी ने संबोधित किया। उन्होंने स्पीच की शुरुआत भारत जोड़ो यात्रा के अपने अनुभवों से की।

राहुल की पूरी स्पीच सिलसिलेवार पढ़ें…

जब गले लगता था तो ट्रांसमिशन सा होता था
राहुल गांधी ने कहा, ‘4 महीने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक भारत जोड़ो यात्रा हमने की। वीडियो में आपने मेरा चेहरा देखा, लेकिन हमारे साथ लाखों लोग चले। बारिश, गर्मी और बर्फ में हम सब एकसाथ चले। बहुत कुछ सीखने को मिला। आपने देखा होगा कि पंजाब में एक मैकेनिक आकर मुझसे मिला। मैंने उसके हाथ पकड़े और सालों की उसकी तपस्या, उसका दर्द और दुख मैंने पहचान लिया। लाखों किसानों के साथ जैसे ही हाथ मिलाता था, गले लगता था एक ट्रांसमिशन सा हो जाता था।

शुरुआत में बोलने की जरूरत होती थी कि क्या करते हो, कितने बच्चे हैं, क्या मुश्किलें हैं। एक-डेढ़ महीना ये चला और उसके बाद बोलने की जरूरत नहीं पड़ती थी। जैसे ही हाथ पकड़ा, गले लगे उनका दर्द एक सेकंड में समझ आ जाता था। जो मैं उनसे कहना चाहता था, बिना कुछ बोले वो समझ जाते थे।’

अधिवेशन में सोनिया के संबोधन के बाद मां को गले लगाते हुए राहुल गांधी। मंच पर तमाम नेता भी मौजूद।

अधिवेशन में सोनिया के संबोधन के बाद मां को गले लगाते हुए राहुल गांधी

यात्रा शुरू की तो पुरानी चोट का दर्द उभर आया
राहुल गांधी ने कहा, ‘आपने बोट रेस देखी होगी। मैं बोट में बैठा था। मेरे पैर में भयंकर दर्द था। मैं उस फोटो में मुस्कुरा रहा हूं, मगर मेरे दिल के अंदर रोना आ रहा था। मैंने यात्रा शुरू की। फिट आदमी हूं। 10-12 किलोमीटर ऐसे ही दौड़ लेता हूं। घमंड था कि 20-25 किलोमीटर चलने में कौन सी बड़ी बात है।

पुरानी चोट थी। कॉलेज में चोट लगी थी फुटबॉल खेलते वक्त। मैं दौड़ रहा था दोस्त ने अड़ंगी मार दी थी। वो दर्द गायब हो गया था। जैसे ही यात्रा शुरू की, दर्द वापस आ गया। आप मेरा परिवार हो तो आपसे कह सकता हूं कि सुबह उठकर सोचता था कैसे चला जाए। उसके बाद सोचता था कि 25 किलोमीटर नहीं 3 हजार 500 किलोमीटर चलना है, कैसे चलूंगा।

फिर कंटेनर से उतरता था चल देता था। लोगों से मिलता था। पहले 10-15 दिन में अहंकार और घमंड गायब हो गया। क्यों गायब हुआ। क्योंकि भारत माता ने मैसेज दिया था कि तुम निकले हो कन्याकुमारी से कश्मीर के लिए तो अपने दिल से अहंकार मिटा दो। नहीं तो मत चलो। मुझे ये बात सुननी पड़ी। मुझमें इतनी शक्ति नहीं थी कि ये बात ना सुनूं।’

अधिवेशन के बीच बैठक से उठकर सोनिया गांधी को शॉल ओढ़ाते दिखे राहुल गांधी।

अधिवेशन के बीच बैठक से उठकर सोनिया गांधी को शॉल ओढ़ाते दिखे राहुल गांधी

आज तक मेरे पास घर नहीं है
उन्होंने कहा, ‘मैंने धीरे-धीरे नोटिस किया कि मेरी आवाज चुप होती गई। जम्मू-कश्मीर पहुंचा तो बिल्कुल चुप हो गया। मेडिटेशन करता हूं जैसे वैसे ही चुप हो गया। मां बैठी हैं। मैं छोटा था 1977 की बात है। चुनाव आया, मुझे उसके बारे में कुछ नहीं मालूम था। घर में अजीब सा माहौल था। मैंने मां से पूछा मम्मी क्या हुआ। मां कहती हैं कि हम घर छोड़ रहे हैं।

तब तक मैं सोचता था कि वो घर हमारा था। मैंने मां से पूछा हम घर क्यों छोड़ रहे हैं। पहली बार मां ने मुझे बताया कि ये हमारा घर नहीं है। ये सरकार का घर है। अब हमें यहां से जाना है। मैंने पूछा कहां जाना है तो कहती हैं कि नहीं मालूम कहां जाना है। मैं हैरान था। मैंने सोचा था कि वो हमारा घर था। 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है। आज तक नहीं है।’

हिंदुस्तान के लोगों ने जो मुझसे कहा, वो दर्द समझा नहीं सकता
राहुल बोले, ‘यात्रा में मेरे साथ लोग थे। लाखों लोग थे। मैं सोचता था कि मैं क्या कर रहा हूं। मकसद क्या है। मैंने अपने दफ्तर के लोगों को बुलाया। उनसे कहा कि भीड़ है लोगों को धक्का लगेगा, चोट लगेगी। हमें एक काम करना है कि मेरे साइड में 20-25 फीट तक जो जगह है, वो हमारा घर है। ये घर हमारे साथ चलेगा। सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक ये घर साथ चलेगा।

मैंने सबसे कहा कि इस घर में जो भी आएगा, अमीर हो चाहे गरीब, बुजुर्ग हो, युवा हो या बच्चा, किसी भी धर्म, किसी भी राज्य का हो, हिंदुस्तान से बाहर का हो, जानवर हो, उसे ये लगना चाहिए कि मैं आज अपने घर आया हूं। जब वो यहां से जाए तो उसे लगना चाहिए कि मैं घर को छोड़कर जा रहा हूं। जिस दिन ऐसा हुआ यात्रा जादू से बदल गई। लोग राजनीति की बात नहीं करते थे। हिंदुस्तान के लोगों ने महिलाओं ने इस देश के बारे में मुझसे जो कहा, वो आपको बता नहीं सकता। युवाओं का दर्द आपको नहीं समझा सकता।’

प्रियंका गांधी ने कहा- PM MODI उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचा रहे, किसानों की न आय दोगुनी हुई और ना कर्ज माफ हुआ

इससे पहले प्रियंका गांधी ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी बहुत बड़ा मुद्दा है. आज इस मुद्दे पर हमें एकजुट होकर काम करना होगा. प्रधानमंत्री मोदी अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचा रहे हैं. किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई. किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ है. अब हमारे पास एक साल का वक्त है. जनता को हमसे उम्मीद है.

प्रियंका गांधी ने संबोधन में राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा की तारीफ की. कार्यकर्ताओं की मेहनत से सफलता मिलेगी. हमें एकजुट होकर लड़ना होगा. हमें गिले-शिकवे दूर करने होंगे. कांग्रेस को मजबूत करना होगा.

प्रियंका गांधी ने कहा कि इस उम्मीद के लिए हमें जी-जान से लग जाना होगा. देश को आज कांग्रेस की जरूरत है. कांग्रेस की विचारधारा जन-जन तक लेकर जाना होगा. विकास के मुद्दों पर ही काम करना होगा. देश का आज माहौल नकारात्मक है.

रोजगार, शिक्षा और कृषि-किसान कल्याण जैसे मुद्दो पर होगी चर्चा
रविवार यानी आज अधिवेशन के आखिरी दिन राहुल की स्पीच के बाद 3 प्रस्तावों पर चर्चा होगी। दोपहर 2 बजे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का संबोधन होगा। 3 बजे मेगा रैली के साथ अधिवेशन समाप्त हो जाएगा। अधिवेशन में कृषि-किसान कल्याण, युवा रोजगार, शिक्षा और सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण जैसे प्रस्ताव पर बात होगी। अधिवेशन के समापन में होने वाली मेगा रैली में करीब दो लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है।