रामचरितमानस विवाद: ताड़ना का मतलब ‘देखना’ होता है, ‘मारना’ नहीं… ग्रंथ जलाकर किया हिंदुओं का अपमान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज यूपी विधानसभा में अपने मैराथन भाषण में विपक्ष को आड़े हाथों लेने के साथ ही तमाम विवादों पर खुलकर जवाब दिया। 2 घंटे 8 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने पूर्व की सरकारों पर माफियाओं को पोषित करने का आरोप लगाया। वहीं गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस के एक दोहे पर बीते महीने जिस तरह सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवाद खड़ा किया उसको लेकर भी काफी कुछ कहा। पढ़ें सीएम योगी ने रामचरितमानस विवाद को लेकर क्या-क्या कहा….

मुख्यमंत्री योगी ने अपने भाषण में रामचरितमानस विवाद पर जवाब दिया और कहा कि इस ग्रंथ ने सदियों से हिंदू समाज को एकजुट रखा है। आज उसका अपमान हो रहा है। उसे फाड़ा और जलाया गया। 

अगर यही बातें किसी अन्य धर्मग्रंथ के बारे में कही गई होतीं तो न जाने क्या हो जाता। उन्होंने कहा कि ताड़ना का क्या होता है… अवधी में कई बार कहा जाता है कि इतने देर से केहका ताड़ता हो… क्या ताड़ने का अर्थ मारने से है…।  शूद्र का मतलब श्रमिक से और ताड़ना का अर्थ देखना होता है। 

मुख्यमंत्री योगी बोले, जिसकी मर्जी आए, हिंदुओं का अपमान कर दे। मैं मॉरिशियस में प्रवासी भारतीय के आयोजन में गया। मैंने उनसे पूछा कि क्या आपके पास कोई धरोहर है, उन्होंने रामचरितमानस को दिखाया। रामचरितमानस अवधी में रची गई। क्या उसके शब्दों का सही मतलब भी इन्हें (समाजवादी पार्टी) पता है। 

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को गर्व होना चाहिए कि रामचरितमानस यूपी की धरती पर रचा गया है लेकिन हिंदुओं का अपमान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि विरासत में सत्ता तो मिल सकती है लेकिन बुद्धि नहीं मिल सकती है।