कोरबा। नगर पालिक निगम क्षेत्र में एसईसीएल कोरबा एरिया द्वारा अधिग्रहित शासकीय भूमि पर पिछले कई वर्षों से मकान बनाकर निवासरत लोगों को पट्टा मिलेगा। कोयला उत्पादन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अनुपयोगी भूमि को निर्धारित प्रक्रिया के तहत शासन को पुनः वापस करने का प्रावधान है। जिसके तहत एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की ओर से नगर पालिक निगम के अंतर्गत पूर्व में ली गई शासकीय भूमि का अब शासन के पक्ष में त्यजन किया है। इससे संबंधित भूमि पर कब्जारत 2622 परिवारों को पट्टा मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप औद्योगिक संस्थानों की भूमि पर वर्षों से मकान बनाकर निवासरत लोगों को पट्टा देने के लिए शासन स्तर पर कार्यवाही की जा रही है। इसी तारतम्य में कलेक्टर श्री संजीव झा के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा भी स्थानीय स्तर पर औद्योगिक संस्थानों की जमीन पर निवासरत लोंगो को पट्टा दिलाने की कार्यवाही की जा रही है। जिसके तहत नगर पालिक निगम क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोरबा स्थित शासकीय भूमि जिसे एसईसीएल द्वारा शासन के पक्ष में त्यजन किया गया है, उस संबंधित भूमि पर काबिज लोगों को पट्टा दिलाने को लेकर आवश्यक कार्यवाही व प्रक्रिया की जा रही है। इसके लिए उक्त भूमि पर निवासरत परिवारों के सर्वे के लिए संयुक्त कलेक्टर श्री सेवाराम दीवान की अध्यक्षता में सर्वे दल का गठन किया गया था। जिसके तहत सर्वे दल द्वारा वहां निवासरत परिवारों का सर्वे का कार्य किया गया। जिसमें एसईसीएल द्वारा त्यजन किए गए शासकीय भूमि पर 2622 परिवार निवासरत पाए गए हैं।
सर्वे के बाद पट्टा वितरण के लिए आवश्यक आगे की कार्यवाही के लिए कलेक्टर श्री झा ने अनुविभागीय अधिकारी कोरबा को निर्देश दिए थे। इसी तारतम्य में एसईसीएल कोरबा क्षेत्र से शासन को भूमि मिलने के बाद उसमें निवासरत परिवारों को पट्टा वितरण के लिए आवश्यक प्रक्रिया के तहत अब न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी( राजस्व) की ओर से दावा आपत्ति के लिए इश्तहार प्रकाशन की सूचना भी जारी करने की कार्यवाही की गई है। जिसके अनुसार उक्त भूमि पर निवासरत पाए गए 2622 परिवारों की सूची न्यायालय राजस्व के सूचना पटल पर प्रदर्शित की गई है, जिसका अवलोकन किया जा सकता है। वहीं उक्त सर्वे सूची में प्राप्त कब्जारत परिवारों के संबंध में जिस किसी को किसी प्रकार की दावा आपत्ति प्रस्तुत करना है वह अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के न्यायालय में 10 फरवरी 2023 के पूर्व प्रस्तुत कर सकते हैं।