राजकोट। भारत और श्रीलंका के बीच तीन मैचों की टी-20 सीरीज का तीसरा और निर्णायक मुकाबला आज राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जाएगा। भारत ने मुंबई में पहला टी-20 दो रन से जीता था। वहीं, गुरुवार को दूसरे टी-20 में श्रीलंका ने भारत को 16 रन से हराया था और सीरीज एक-एक की बराबरी पर ला दी थी।
पिछले दो मैचों में असफल रहे शीर्षक्रम के भारतीय बल्लेबाजों को सीरीज जीतने के लिए अंतिम मुकाबले में राजकोट की सपाट पिच पर ज्यादा से ज्यादा रन बनाने होंगे। साथ ही तेज गेंदबाज उमरान मलिक, शिवम मावी और अर्शदीप सिंह को अपनी धार और तेज करनी होगी।
भारतीय टीम अभ्यास सत्र के दौरान – फोटो : सोशल मीडिया
बल्लेबाजी और गेंदबाजी में सुधार की जरूरत
भारत और श्रीलंका के बीच दो या इससे अधिक मैचों की यह सातवीं टी-20 सीरीज है। इनमें भारत अब तक चार बार जीता है। एक में हार मिली और एक सीरीज ड्रॉ रही। भारत अपनी धरती पर कभी भी श्रीलंका से टी-20 मैचों की सीरीज नहीं हारा है। पिछली बार 2021-22 में हुई सीरीज में भारतीय टीम ने 3-0 से जीत दर्ज की थी। भारतीय टीम को श्रीलंका के खिलाफ लगातार दूसरी टी-20 सीरीज जीतने के लिए बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही क्षेत्रों में सुधार करने की जरूरत है।
बल्लेबाजों को मदद करती है राजकोट की पिच
राजकोट की पिच बल्लेबाजों के अनुकूल है। ओस के बीच सपाट पिच पर खूब रन बनते हैं। इसलिए जो भी कप्तान टॉस जीतेगा वह बाद में बल्लेबाजी करना चाहेगा। यहां पर हुए पिछले चार टी-20 मैचों में सर्वोच्च स्कोर 202 रन का है, जो भारत ने 10 अक्तूबर 2013 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था।
दूसरा बड़ा स्कोर 201 रन का है, जो इसी मैच में ऑस्ट्रेलिया ने बनाया था। यहां पर कभी भी 150 से कम रन नहीं बने हैं। इसलिए गेंदबाजों के बजाय बल्लेबाजों के ऊपर ज्यादा जिम्मेदारी है कि वे यहां अधिक से अधिक रन बनाएं। पिछले चार मैचों में भारत ने यहां तीन मैच जीते हैं, जबकि एक हारा है। भारत और श्रीलंका क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में इस मैदान पर पहली बार भिड़ेंगे।
दूसरे मैच में भारतीय तेज गेंदबाज कोई असर नहीं छोड़ सके
पहले टी-20 मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय गेंदबाजों ने दूसरे मैच में जमकर रन लुटाए। साल 2022 के आईसीसी के सर्वश्रेष्ठ उभरते खिलाड़ियों के पुरस्कार की दौड़ में शामिल अर्शदीप सिंह ने दो ओवर में पांच नो बाल फेंकीं। पहले ओवर में उन्होंने लगातार तीन नो बाल डालीं। अंतरराष्ट्रीय टी-20 में लगातार तीन नो बाल फेंकने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने।
अर्शदीप सिंह को अपनी लाइन और लेंथ पर काम करने की जरूरत है। डेब्यू मैच में चार विकेट लेकर सनसनी मचाने वाले शिवम मावी भी दूसरे मैच में चार ओवर में 53 रन लुटाए थे। वहीं, उमरान मलिक ने जरूर तीन विकेट लिए, लेकिन चार ओवर में 48 रन खर्च किए। दूसरी ओर श्रीलंका के तेज गेंदबाजों ने भारत के चार विकेट मात्र 34 रन के स्कोर पर ही गिरा दिए थे।
गिल लगातार दूसरी बार फ्लॉप, ईशान-राहुल भी कुछ खास नहीं कर सके
श्रीलंका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टी-20 में पदार्पण करने वाले शुभमन गिल लगातार दूसरे मैच में भी नाकाम रहे। पहले मैच में उन्होंने सात और दूसरे में पांच रन ही बनाए। वहीं, संजू सैमसन के चोटिल होने के बाद राहुल त्रिपाठी को दूसरे टी-20 मैच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू का मौका मिला। उन्हें तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा गया।
राहुल सिर्फ पांच रन बनाकर मदुशंका की गेंद पर विकेट के पीछे कुशल मेंडिस को कैच थमा बैठे। उनके पास अपने आपको साबित करने का मौका था, लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा सके। हालांकि, सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए अक्षर पटेल (65), सूर्यकुमार यादव (51) और शिवम मावी (26) के प्रयासों से भारतीय टीम 207 रन के लक्ष्य के जवाब में 190 रन तक पहुंच सकी थी। पटले ने 24 रन देकर दो विकेट भी लिए थे। अक्षर ने स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा की कमी नहीं खलने दी।
दोनों टीमों की संभावित प्लेइंग-11
भारत: हार्दिक पांड्या (कप्तान), ईशान किशन, शुभमन गिल, सूर्यकुमार यादव (उपकप्तान), दीपक हुड्डा, ऋतुराज गायकवाड़/राहुल त्रिपाठी/वॉशिंगटन सुंदर, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, अर्शदीप सिंह, उमरान मलिक, शिवम मावी।
श्रीलंका: दासुन शनाका (कप्तान), पाथुम निसांका, कुशल मेंडिस, भानुका राजपक्षे, चरिथ असलंका, धनंजय डिसिल्वा, वानिंदु हसरंगा, महेश तीक्ष्णा, चमिका करुणारत्ने, दिलशान मदुशंका, कसुन रजिता।
टीमें इस प्रकार है
भारत : हार्दिक पंड्या (कप्तान), ईशान किशन, ऋतुराज गायकवाड़, शुभमन गिल, सूर्यकुमार यादव, दीपक हुड्डा, राहुल त्रिपाठी, जितेश शर्मा, वॉशिंगटन सुंदर, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, अर्शदीप सिंह, हर्षल पटेल, उमरान मलिक, शिवम मावी और मुकेश कुमार।
श्रीलंका : दासुन शनाका (कप्तान), पाथुम निसांका, अविष्का फर्नांडो, सदीरा समरविक्रमा, कुशल मेंडिस, भानुका राजपक्षे, चरिथ असलंका, धनंजय डिसिल्वा, वानिंदु हसरंगा, अशेंन बंडारा, महेश तीक्ष्णा, चमिका करुणारत्ने, दिलशान मदुशंका, कसुन रजिता, दुनित वेलालगे, प्रमोद मदुशान, लाहिरू कुमारा और नुवाना तुषारा।